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बाल अनाथालय के रिकार्ड में गड़बड़ी, 33 बच्चे होंगे शिफ्ट

जागरण, संवाददाता, पानीपत : जाटल रोड स्थित सौदापुर बाल अनाथालय के रिकार्ड में हेराफेरी की

By Edited By: Published: Wed, 18 Jan 2017 02:26 AM (IST)Updated: Wed, 18 Jan 2017 02:26 AM (IST)
बाल अनाथालय के रिकार्ड में गड़बड़ी, 33 बच्चे होंगे शिफ्ट
बाल अनाथालय के रिकार्ड में गड़बड़ी, 33 बच्चे होंगे शिफ्ट

जागरण, संवाददाता, पानीपत : जाटल रोड स्थित सौदापुर बाल अनाथालय के रिकार्ड में हेराफेरी की शिकायत पर प्रशासन ने इसे बंद करने का निर्णय ले लिया है। 33 लड़कियों को तीन जिलों के बाल गृहों में शिफ्ट किए जाएगा। प्रशासन ने इसकी तैयारी पूरी कर ली है। शिफ्टिंग से पहले बुधवार को सभी बच्चों का मेडिकल जांच कराया जाएगा। राई, करनाल व अंबाला में बच्चे भेजे जाएंगे।

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सौदापुर में जन कल्याण समिति की देखरेख में 1999 से बाल अनाथालय चलाया जा रहा है। संचालक अमरजीत नरवाल यहां बच्चों की देखरेख की देखरेख करते हैं। अनाथालय में अनियमितता की शिकायत पर बाल कल्याण समिति ने जांच की थी। वहीं, संचालक ने समिति की चेयरपर्सन पर परेशान करने का आरोप भी लगाया। खाते बही का रिकार्ड दुरुस्त न होने पर प्रशासन की तरफ से समिति के पदाधिकारियों की बैठक में इसे बंद करने का निर्णय लिया गया। अध्यक्षता उपायुक्त डॉ. चंद्रशेखर खरे ने की। बच्चों को सोनीपत के राई, करनाल व अंबाला में बाल गृहों में शिफ्ट किए जाएंगे।

ये रहे मौजूद : बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त राजीव मेहता, सीएमओ इंद्रजीत सिंह धनखड़, डीडीपीओ रुपेंद्र मलिक, डीईओ उदय प्रताप सिंह, जिला बाल कल्याण अधिकारी प्रदीप मलिक, प्रभारी डीपीओ सरला यादव, जिला बाल कल्याण समिति की चेयरपर्सन सुमन सूद, किरण मलिक, अजीत दहिया, हरिदास शास्त्री व डॉ. विकास सक्सेना के अतिरिक्त संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

डीईओ करेंगे शिक्षा का इंतजाम : अनाथालय में 33 लड़किया है। तीन दसवीं में, एक नौवीं व एक आठवीं कक्षा में है। अन्य छठी कक्षा में है। 5-6 लड़कियां वोकेशनल कोर्स कर रही है। मंदबुद्धि की पांच लड़कियां राजकीय विद्यालय मॉडल टाउन में दाखिल हैं। शिफ्टिंग में इन बच्चों की शिक्षा प्रभावित होगी। उपायुक्त ने डीईओ उदय प्रताप सिंह को निर्देश दिए कि इन बच्चों की शिक्षा में किसी तरह की बाधा न आए। इसके लिए इंतजाम किए जाएं।

भ्रष्ट अधिकारियों ने कराया बंद : नरवाल

संचालक अमरजीत नरवाल का कहना है कि बाल कल्याण समिति के भ्रष्ट अधिकारियों के चलते ऐसा कदम उठाया गया है। बंद करने के निर्णय से पहले नोटिस देना चाहिए था। अनाथालय का हिसाब-किताब तो बराबर है। पानीपत में जहां से बेटी बचाओ का नारा दिया गया, वहीं पर बेटियों की दुर्गति हो रही है। इस मामले को लेकर हाई कोर्ट जाएंगे।

आज शिफ्ट करेंगे : उपायुक्त डॉ. चंद्रशेखर खरे ने बताया कि बाल अनाथालय की शिकायत मिल रही थी। सरकारी खर्चे का हिसाब नहीं दिया। समिति की बैठक में इसे बंद करने का निर्णय लिया गया। 90 फीसद बच्चे बुधवार शाम तक शिफ्ट कर दिए जाएंगे।


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