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धान के उत्पादन पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया

पानीपत के ऊझा गांव के कृषि विज्ञान केंद्र में सोमवार को धान के उत्पादन पर जागरूकता प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में बताया कि जिले की खरीफ की मुख्य फसल है। धान की पौध की बिजाई का समय आ गया है। किसान कुछ छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखें तो अच्छी पैदावार हासिल कर सकते हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 20 May 2019 07:58 PM (IST)Updated: Tue, 21 May 2019 06:33 AM (IST)
धान के उत्पादन पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया

जागरण संवाददाता, बापौली : ऊझा कृषि विज्ञान केंद्र में सोमवार को धान के उत्पादन पर जागरूकता प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। 25 किसानों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया। यह जानकारी केंद्र के संयोजक डॉ. राजबीर गर्ग ने दी।

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उन्होंने बताया कि धान पानीपत जिले की खरीफ की मुख्य फसल है। धान की पौध की बिजाई का समय आ गया है। किसान कुछ छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखें तो अच्छी पैदावार हासिल कर सकते हैं। स्वस्थ बीज ही अच्छी पैदावार का आधार है। किसान विश्वसनीय संस्था से बीज खरीदें। पनीरी तैयार करते समय बिजाई से पहले बीज उपचार कर लेने पर बकानी सहित कई बीमारियों से छुटकारा पा सकते हैं।

डॉ. गर्ग ने बताया कि 10 किलोग्राम धान के बीज का उपचार करने के लिए 10 ग्राम बावस्टिन या कार्बेन्डाजिम और एक ग्राम स्ट्रैप्टोसाइक्लिन दवा को 10 लीटर पानी में डाल कर घोल तैयार कर लें। बीज को इसमें भीगो कर रखें। इसके बाद बाहर निकाल कर बोरी से ढंक दें। मूढ़े निकलने पर धान के बीज की बिजाई करें। पौधरोपण से एक सप्ताह पहले पौधशाला में एक ग्राम बाविस्टीन प्रति वर्ग मीटर की दर से डालें। खड़े पानी में ही पौधे को उखाड़ें। इस अवसर पर डॉ. कुशल राज और डॉ. सतपाल सिंह ने किसानों के साथ अनुभव साझे किए।


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