श्यामसुंदर हत्याकांड मामले में इनामी बदमाश बलजीत पोकरीखेड़ी का एक गुर्गा गिरफ्तार, साजिश में था शामिल
जींद में चर्चित श्यामसुंदर हत्याकांड मामले में पुलिस को एक सफलता हाथ लगी है। जींद पुलिस ने श्याम सुंदर की हत्या की साजिश में शामिल आरोपित को पकड़ा है। आरोपित इनामी बदमाश बलजीत पोकरीखेड़ी का गुर्गा बताया जा रहा है।
जींद, जागरण संवाददाता। जींद शहर के रोहतक रोड पर सात दिन पहले ढुलाई ठेेकेदार श्यामसुंदर बंसल की हत्या के मामले में एसआइटी ने गांव पोकरीखेड़ी निवासी नरेश को गिरफ्तार किया है। नरेश मुख्य आरोपित बलजीत पोकरीखेड़ी का गुर्गा है और उसके साथ ही काम करता था। एसआइटी की टीम ने आरोपित को गांव पोकरीखेड़ी से उसके घर से गिरफ्तार किया है और इस पर श्यामसुंदर बंसल की हत्या करने की साजिश में शामिल होने का आरोप है। पकड़ा गया आरोपित का संबंध भी ट्रक यूनियन से हैं और खुद की गाड़ी ली हुई है और ट्रांसपोर्ट का काम करता है।
शहर थाना प्रभारी दिनेश कुमार ने बताया कि आरोपित नरेश को मंगलवार दोपहर बाद अदालत में पेश करके पांच दिन के रिमांड की डिमांड की जाएगी। रिमांड के बाद ही पता चल पाएगा कि साजिश में कौन-कौन लोग शामिल थे और उनका ठिकाना कहां-कहां पर है। हालांकि इस मामले में दो लाख रुपये के इनामी सुभाष नगर निवासी धर्मेंद्र पहलवान व बलजीत पोकरीखेड़ी व छह आरोपित पुलिस की गिरफ्त से बाहर चल रहे हैं। पुलिस का कहना है कि जेल में बंद चार आरोपितों को भी प्रोडेक्शन वारंट पर लेने के लिए अदालत से अर्जी दायर की है और उनको भी जेल से बाहर लाकर रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी। वहीं आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए व्यापारी लगातार पुलिस पर दबाव बनाए हुए हैं।
व्यापारियों का कहना है कि एक माह में एक व्यापारी की हत्या व दूसरी को बंधक बनाकर दस लाख रुपये वसूलने की वारदात हो चुकी है। इसके चलते व्यापारियों में डर का माहौल बना हुआ है। अगर जल्द ही आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं हुई तो तीन दिसंबर को जींद जिले के सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहेंगे और उसके बाद आगामी आंदोलन की रुपरेखा तैयार की जाएगी।
व्यापार मंडल के प्रधान को सुरक्षा देने की मांग
व्यापार मंडल के जिला प्रधान महाबीर कंप्यूटर द्वारा लगातार आरोपितों के खिलाफ चलाए जा रहे आंदोलन के चलते शहर के व्यापारियों ने उस पर भी हमले की आशंका जताई है। इसलिए व्यापारियों ने आइजी राकेश आर्य से प्रधान महाबीर कंप्यूटर को भी सुरक्षा देने की मांग की थी। इस पर आइजी ने संबंधित अधिकारियों से इस तरफ कदम उठाने व आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं होने तक सुरक्षा देने के आदेश दिए थे।