यमुनानगर में 16170 कुत्तों की नसबंदी पर एक करोड़ 43 लाख कर दिए खर्च, फिर भी काट रहे कुत्ते
यमुनानगर में कुत्ते सिटीवासियों को काटकर जख्मी कर रहे हैं। हर वार्ड में ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जबकि नगर निगम अधिकारी गत वर्ष 16170 कुत्तों की नसबंदी किए जाने की बात कह रहे हैं
यमुनानगर, जेएनएन। कुत्ते सिटीवासियों को काटकर जख्मी कर रहे हैं। हर वार्ड में ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जबकि नगर निगम अधिकारी गत वर्ष 16170 कुत्तों की नसबंदी किए जाने की बात कह रहे हैं। इनकी नसबंदी पर एक करोड़ 43 लाख रुपये खर्च दिखाए गए हैं। आरटीआइ के तहत मांगी गई जानकारी में यह खुलासा हुआ है। आरटीआइ कार्यकर्ता का आरोप है कि कुत्तों की नसबंदी के नाम पर बड़ा खेल खेला गया है। इस संबंध में उनको पूरी जानकारी देने से भी अधिकारी बच रहे हैं।
ये मांगी थी जानकारियां
गांधी नगर कॉलोनी निवासी राजेंद्र कुमार पांचाल ने बताया कि आरटीआइ के तहत 16 दिसंबर, 2019 को नगर निगम आयुक्त से कुत्तों की नसबंदी से जुड़े टेंडर बारे जानकारियों मांगी थी। आज तक उनको संबंधित जानकारी मुहैया नहीं करवाई गई है। उन्होंने यह जानकारी मांगी थी कि संबंधित टेंडर कब लगाया था। किस कंपनी को टेंडर अलॉट हुआ, टेंडर मांगे जाने के बाद अलॉट करने तक कितना समय निर्धारित है
कुत्तों के काटने के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो हर रोज औसतन 8 से 10 केस अस्पतालों में उपचार कराने के लिए जाते हैं। हर वार्ड में पार्षदों के पास भी रोज कुत्ते के काटने की शिकायतें पहुंच रही हैं। नगर निगम में 22 वार्ड हैं, जिनके अधीन 5 लाख से ज्यादा की आबादी है। कुत्तों की बढ़ती संख्या को रोकने के लिए दो साल पहले नसबंदी अभियान चलाया गया था। पर्याप्त फंड होने के बाद भी कारण मौजूदा समय में ये अभियान बंद पड़ा है। निगम अधिकारी फिर से कुत्तों की नसबंदी का अभियान चलाने की बात कह रहे हैं।
बजट पर एक नजर
वर्ष 2017-18 में आवारा आतंक के खात्मे के लिए दो करोड़ रुपये का बजट तय किया। वर्ष 2018-19 में एक करोड़ रुपये का बजट तय किया। वर्ष 19-20 में यह 70 लाख रुपये है। इतना खर्च करने के बावजूद कुत्तों आतंक बरकरार है। गत दिनों भाजपा नेता भारत भूषण जुआल ने भी कुत्तों के आतंक को लेकर नगर निगम अधिकारियों से शिकायत की थी। उनको भी कुत्ते से काट खाया था।