खाद्य मंत्री के साथ बैठक, पांचवें दिन आढ़तियों की हड़ताल खत्म
हरियाणा राज्य अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को कुरुक्षेत्र में खाद्य आपूर्ति मंत्री कर्णदेव कंबोज के साथ बैठक कर हड़ताल खत्म करने का फैसला लिया। सरकार ने आढ़तियों की मांग मानते हुए ई-ट्रेडिग की बजाए मैनुअल तरीके से फसलों की खरीद की हामी भरी। उधर हड़ताल खत्म होने का संदेश मिलते ही शनिवार को मंडी में कामकाज शुरू हुआ तो किसानों और श्रमिकों के चेहरे खिल उठे।
जागरण संवाददाता, पानीपत : हरियाणा राज्य अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को कुरुक्षेत्र में खाद्य आपूर्ति मंत्री कर्णदेव कंबोज के साथ बैठक कर हड़ताल खत्म करने का फैसला लिया। सरकार ने आढ़तियों की मांग मानते हुए ई-ट्रेडिग की बजाए मैनुअल तरीके से फसलों की खरीद की हामी भरी। उधर, हड़ताल खत्म होने का संदेश मिलते ही शनिवार को मंडी में कामकाज शुरू हुआ तो किसानों और श्रमिकों के चेहरे खिल उठे।
बता दें कि हरियाणा राज्य अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन के आह्वान पर बीते मंगलवार को कुरुक्षेत्र में प्रदेश स्तरीय बैठक कर ई-ट्रेडिग का विरोध शुरू किया। एसोसिएशन के फैसले के बाद आढ़ती अनिश्चितकालीन शटर डाउन हड़ताल पर चले गए। पहले की तरह ही चलेगा खरीद-फरोख्ॅत का काम
खाद्य मंत्री के साथ बैठक में फैसला लिया गया कि ई-ट्रेडिग की बजाए मैनुअल तरीके से ही पहले की तरह गेहूं की खरीद-फरोख्त होगी। सरसों और कपास की खरीद पर आढ़तियों को आढ़त दी जाएगी। वहीं अन्य राज्यों के किसान पहले की तरह ही मंडी में फसल बेच सकेंगे। रिकॉर्ड रखेगी सरकार, आढ़तियों को मिलेगा ब्याज
पानीपत अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन के जिला प्रधान धर्मबीर मलिक ने बताया कि मीटिग में फैसला लिया गया कि मार्केट फीस भरना, बारदाना, लिफ्टिग का हिसाब रखना और आढ़तियों को भुगतान करने का काम सरकार करेगी। सरकारी खरीद के बाद पेमेंट में सात दिन से अधिक देरी होने पर 12 प्रतिशत ब्याज का भुगतान किया जाएगा। किसान और आढ़तियों का रिश्ता पुराना, ई ट्रेडिग को बताया गलत
बलाना के दिनेश ने बताया कि किसान और आढ़तियों का रिश्ता काफी पुराना है। अक्सर जब किसान मुसीबत में होता है तो आढ़ती उसकी हरसंभव मदद करता है। ई-ट्रेडिग जैसा सिस्टम लागू होने से आढ़तियों और किसानों के बीच का रिश्ता खत्म हो जाएगा। उन्होंने बताया कि हड़ताल खत्म होने से किसानों को काफी फायदा होगा। खेतों में लहलहा रही फसल खराब नहीं होगी।