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सियासी चाल: ओमप्रकाश चौटाला के करीबी इनेलो के कैलाश भाजपा के 'भगत'

इनेलो प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य कैलाश भगत ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने उन्हें भाजपा में शामिल किया। कैलाश भाजपा के टिकट पर चुनावी लड़ सकते हैं।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Tue, 05 Mar 2019 10:37 AM (IST)Updated: Tue, 05 Mar 2019 10:37 AM (IST)
सियासी चाल: ओमप्रकाश चौटाला के करीबी इनेलो के कैलाश भाजपा के 'भगत'

पानीपत/कैथल, जेएनएन। ओमप्रकाश चौटाला के करीबी कैलाश भगत ने इनेलो छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया। उन्होंने रणदीप सिंह सुरजेवाला के खिलाफ दो बार और उनके पिता शमशेर सिंह सुरजेवाला के खिलाफ एक बार विधानसभा चुनाव लड़ा था। हार के बावजूद लगातार तीन बार कैथल विस क्षेत्र से इनेलो के प्रत्याशी रहे। इनेलो में बिखराव के बाद कैलाश ने पार्टी से दूरी बना रखी थी।

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पिछले दिनों शहर में रोड शो के दौरान कैलाश भगत मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मिले थे, तभी से भाजपा में शामिल होने की चर्चाएं तेज हो गई थीं। सोमवार को कैलाश भगत अपने पिता अमरनाथ भगत के साथ चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मिले। 

ट्वीट करके दी जानकारी
इसकी जानकारी स्वयं मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर जिलावासियों को दी। मुख्यमंत्री ने एक फोटो ट्वीट करते हुए लिखा है कि मुख्यमंत्री आवास पर कैथल निवासी कैलाश भगत से प्रदेश के विभिन्न मुद्दों और भाजपा की नीतियों पर चर्चा की। फोटो में कैलाश भगत के पिता अमरनाथ सिंह भगत भी हैं जो 1982 में भाजपा की सीट से चुनाव लड़ चुके हैं। वह शुरुआत से ही संघ के सदस्य रहे हैं। मुख्यमंत्री के ट्वीट करते ही यह फोटो कैथल के विभिन्न सोशल मीडिया ग्रुपों में वायरल हो गई। 

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लड़ सकते हैं भाजपा के टिकट पर चुनाव 
कैलाश भगत के आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर चुनाव लडऩे की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। कैलाश पंजाबी समुदाय से हैं। कैथल विस क्षेत्र में पंजाबी समुदाय के 20 हजार वोट हैं। इसी समाज के पूर्व मंत्री रहे सुरेंद्र मदान कैथल विधानसभा सीट से दो बार विधायक रहे हैं। 

पिता-पुत्र के खिलाफ तीन बार लड़ा चुनाव 
कैलाश भगत ने इनेलो की सीट पर पहली बार वर्ष 2005 में चुनाव लड़ा। इस चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी शमशेर सिंह सुरजेवाला से 4800 के करीब वोटों से हार गए थे। वर्ष 2009 में नरवाना हलका रिजर्व होने के बाद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कैथल से चुनाव लड़ा। दूसरे बार कैलाश भगत 22 हजार वोटों से हार गए। वर्ष 2014 में तीसरी बार फिर से इनेलो ने कैलाश को प्रत्याशी बनाया। इस चुनाव में भी कैलाश, सुरजेवाला से 24 हजार वोटों से हार गए। तीनों चुनाव में कैलाश भगत दूसरे नंबर पर रहे। कई सालों तक इनेलो जिलाध्यक्ष के पद पर भी रहे हैं। वर्तमान में इनेलो प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य थे। 

मुलाकात में दी सहमति : भगत 
कैलाश भगत ने कहा कि मुख्यमंत्री से सोमवार को ही मुलाकात हुई है। उन्होंने अपनी तरफ से सहमति दे दी है, लेकिन उन्हें पार्टी में औपचारिक रूप से शामिल होने की जानकारी अभी तक नहीं दी है। अगर मुख्यमंत्री ने खुद ट्वीट किया है तो फिर बोलने को कुछ बचता ही नहीं है। 


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