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जिम्मेदारों की लापरवाही भुगत रहा ओल्ड इंडस्ट्रीयल एरिया

जागरण संवाददाता पानीपत 1952 में बने औद्योगिक एरिया के जिम्मेदारों की लापरवाही उद्यमियों को

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Jan 2021 07:37 AM (IST)Updated: Thu, 21 Jan 2021 07:37 AM (IST)
जिम्मेदारों की लापरवाही भुगत रहा ओल्ड इंडस्ट्रीयल एरिया
जिम्मेदारों की लापरवाही भुगत रहा ओल्ड इंडस्ट्रीयल एरिया

जागरण संवाददाता, पानीपत : 1952 में बने औद्योगिक एरिया के जिम्मेदारों की लापरवाही उद्यमियों को भुगतनी पड़ रही है। औद्योगिक क्षेत्र में सड़कें टूटी पड़ी है। सीवर जाम होने के कारण पानी सडकों पर जमा होने के बाद उद्योगों में घुस रहा है। उद्योगों में आने जाने के रास्ते भी नहीं बचे है। आधे क्षेत्र में सड़कों पर धूल उढ़ रही है। सफाई की व्यवस्था न होने के कारण चारों तरफ गंदगी जमा है। पूरे शहर में जेबीएम कंपनी को कूड़ा उठाने के टेंडर नगर निगम ने दिया हुआ है। औद्योगिक क्षेत्रों से कूड़ा क्यों नहीं उठाया जा रहा है। इसका जवाब भी उद्यमियों को नहीं मिल पा रहा है। कहीं नाले टूटे पड़े हैं। कुछ नाले जो बनाने चालू हुए थे वो भी अधूरे छोड़ दिए गए हैं।

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उद्यमियों का कहना है कि यहां उद्यमियों से विभाग टैक्स तो ले रहे हैं सुविधा कुछ नहीं दे रहे हैं। लाखों रुपये हाल ही में प्राप्उद्योंगों में फूल लोड गाड़ियां नहीं आ पा रही है। सड़के बनाना शुरु नहीं करते तब ठीक था : जगदीश नारायण बजाज

ओल्ड इंडस्ट्रियल एरिया में बजाज धर्म कांटा चला रहे जगदीश नारायण बजाज ने कहा कि सड़कों नालों का निर्माण शुरु होने पर लगा था कि सुधार होगा, लेकिन हुआ उल्टा। न तो सड़क बनी। पुरानी सड़के जो अच्छी हालत में थी वे भी तोड़ दी गई। दिन भर उढ़ती धूल से परेशान है। नाले टूटे पड़े हैं। गाड़ियां पलटने की संभावना बनी रहती है। कोई सुनवाई नहीं कर रहा। नारकीय जीवन जी रहे हैं।

विकास कार्य शीघ्रता के पूरे करवाए जाएं : रमन

रमन जैन का कहना है चार साल से सड़क नाले बनाने के लिए फंड आया हुआ है। सरकार का भी कोई दोष नहीं है। जिन एजेंसी को काम दिया गया है। वे काम नहीं कर पा रही है। पूरे इंडस्ट्रियल एरिया की सड़कें खोद कर डाल दी गई है। अभी धूल उढ़ रही है। बारिश में यहां आने जाने के हालत भी नहीं रहेंगे। बारिश से पहले ही नाले व सड़कें बनाने का काम पूरा होना चाहिए।

फैक्टरी में पानी भर जाता है :सौरभ अनिल स्पिनर के मास्टर सौरभ ने कहा कि सीवर जाम पड़े हैं। पानी सड़क पर आने के बाद फैक्टरी में घुस जाता है। गंदे पानी से होकर ही फैक्टरी में आते हैं। हालत आपके सामने है। कोई सुनवाई नहीं कर रहा। कईं बार पैसे देकर सीवर साफ करवा चुके हैं। कुछ दिन ठीक रहता है फिर से हालत वहीं बन जाते हैं।

मेंटनेंस देने के लिए भी तैयार : ग्रोवर

ओल्ड इंडस्ट्रियल एरिया एसोसिएशन के प्रधान विनोद ग्रोवर का कहना है कि 7.50 लाख का ठेका देकर सोनीपत की कंपनी से सीवर साफ करवाए थे। यहां मेंटनेंस की जिम्मेवारी एचएसआइआइडीसी की बनती है। हमें मेंटनेंस चार्ज देने के लिए भी तैयार हैं, लेकिन 2012 से यहां मेंटनेंस की व्यवस्था नहीं की गई है। सरकार से यहां नाले व सड़के बनाने के लिए 31 करोड़ का फंड लेकर आए। उसके बाद भी हालत में सुधार नहीं हो रहा। अब तीन महीने का नाम ले रहे हैं। --महावीर---


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