Old Age Pension: समाज कल्याण विभाग के लिए गले की फांस बनी पेंशन, वेरिफिकेशन में आ रही दिक्कत
Old Age Pension समाज कल्याण विभाग के लिए गले की फांस बनी पेंशन। परिवार पहचान पत्र के आधार पर 298 में से केवल 30 बुजुर्गों की ही पेंशन बनवा पाया विभाग। वेरिफिकेशन के लिए विभाग के पास अभी भी दो माह का समय है।
जींद, जागरण संवाददाता। परिवार पहचान पत्र के आधार पर समाज कल्याण विभाग को बुजुर्गों की पेंशन बनाने के लिए वेरिफिकेशन का काम मुश्किल बना हुआ है। सरकार द्वारा आनलाइन पेंशन बनाने के निर्देश देने के बाद समाज कल्याण विभाग को मुख्यालय की तरफ से 298 बुजुर्गों की वेरिफिकेशन करनी थी। इसमें से अब तक 30 बुजुर्गों की ही समाज कल्याण विभाग पेंशन बना पाया है।
इसमें एक तो विभाग के पास गावों में आने जाने के लिए गाड़ी नहीं है। दूसरा परिवार पहचान पत्र में अधिकतर परिवारों के मोबाइल नंबर गलत मिल रहे हैं। इस कारण इन परिवारों से बात नहीं हो पा रही। समाज कल्याण विभाग ने मुख्यमंत्री के कार्यक्रम व एक बार डीसी द्वारा बुजुर्गों की आनलाइन पेंशन बनाने को लेकर कार्यक्रम किया था। इसमें अब तक 30 लोगों की ही समाज कल्याण विभाग की तरफ से पेंंशन की वेरिफिकेशन हो सकी।
न स्टाफ, न गाड़ी
अब विभाग के सामने बड़ी समस्या यह है कि एक तो स्टाफ की कमी, दूसरा विभाग के पास आवागमन के लिए गाड़ी नहीं है। अगर सभी खंड में विभाग के कर्मचारी वेरिफिकेशन के लिए गांव व शहर के वार्डों में जाते हैं तो कार्यालय में बुजुर्गों की सुनवाई के लिए कोई कर्मचारी नहीं बचेगा। बिना गाड़ी के सुबह जाकर शाम तक कार्यालय में वापस आना भी इनके लिए मुश्किल होगा। इसके चलते विभाग द्वारा गांवों में जाकर वेरिफिकेशन का काम गले की फांस बना हुआ है।
मई माह में 30 लोगों का ही हुआ वेरिफिकेशन
हालांकि वेरिफिकेशन के लिए विभाग के पास दो माह का समय है, लेकिन मई माह में अब तक 30 ही लोगों की पेंशन की वेरिफिकेशन हो पाई है। इससे साफ है कि जिस गति से विभाग द्वारा वेरिफिकेशन का काम किया जा रहा है। उससे निर्धारित समय अवधि में यह कार्य पूर्ण होना मुश्किल होगा।
कर्मचारी बाइक पर जाकर कर रहे वेरिफिकेशन
मुख्यालय द्वारा मिली सूची की वेरिफिकेशन करवाने के लिए विभाग के कर्मचारी बाइक पर गांवों में जाकर जांच कर रहे हैं। मुख्यालय से गाड़ी की मांग के लिए पत्र लिखा हुआ है। गाड़ी मिलने के बाद इस काम को करने में आसानी होगी। अब तक मुख्यालय से मिली 298 की सूची में से 30 बुजुर्गों की वेरिफिकेशन हो चुकी है। अन्य बुजुर्गों की जांच के लिए कर्मचारी लगातार कार्यरत हैं। निर्धारित समयावधि में इस कार्य को पूरा कर लिया जाएगा।