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सेक्टर-25 और 29-1 की सड़कों के 15 करोड़ के वर्क ऑर्डर कर भूले अफसर, पैसा लैप्स

नगर निगम ने 15 करोड़ के टेंडर आठ माह पहले किए जारी 6.36 करोड़ के सेक्टर-25 में होने थे विकास कार्य 9.76 करोड़ की सेक्टर-29 पार्ट-1 में बननी थी सड़कें व पार्किंग 05 निगम कमिश्नर अब तक सेक्टर का कर चुके हैं मौका मुआयना

By Edited By: Published: Fri, 21 Jun 2019 09:32 AM (IST)Updated: Fri, 21 Jun 2019 09:35 AM (IST)
सेक्टर-25 और 29-1 की सड़कों के 15 करोड़ के वर्क ऑर्डर कर भूले अफसर, पैसा लैप्स
जागरण संवाददाता, पानीपत : नगर निगम अफसरों की मनमानी के चलते शहर के सबसे पुराने सेक्टर 25 और 29 पार्ट-1 के 15 करोड़ रुपये लैप्स हो गए। अधिकारी इन सेक्टरों में विकास कार्यों के वर्क ऑर्डर करने के बाद भी काम शुरू तक नहीं करा पाए। अब कंपनी भी सड़कों व पार्कों के इन कार्यों को करने को तैयार नहीं है। निगम अधिकारी भी टेंडर रद कर अपने दफ्तरों में बैठ गए। सेक्टर-29 पार्ट-1 से तो अब निकल पाना भी मुश्किल हो गया है। कई सड़कों पर घुटनों तक कीचड़ भरा हुआ है। बारिश के मौसम में सेक्टर से निकल पाना भी मुश्किल हो जाएगा। मेयर का इस तरफ कोई ध्यान नहीं है। सेक्टर-25 में सड़क के लिए 6.36 करोड़ सेक्टर-25 में 150 बड़ी इंडस्ट्री है। यह सबसे पुराना सेक्टर है। नगर निगम ने इसके लिए 6.36 करोड़ रुपये के टेंडर लगाए थे। इनके वर्क ऑर्डर भी जारी कर दिए। निगम अधिकारी काम नहीं शुरू करा पाए। सेक्टर की अधिकतर सड़कों में गहरे गड्ढे हैं। सीवरलाइन भी खस्ता है। ऐसे में सेक्टर में चारों तरफ पानी जमा रहता है। सेक्टर 29 पार्ट-1 में पौने दस करोड़ का सपना सेक्टर-29 पार्ट-1 1985 में आबाद हुआ। कई सड़कें आज तक नहीं बन पाई है। यहां 300 फैक्ट्री हैं। नगर निगम ने 9.76 करोड़ रुपये की सड़कों व पार्किंग के वर्क ऑर्डर जारी किए थे। सेक्टर की कई सड़कों पर गहरे गड्ढे हैं। पार्कों के 12 करोड़ भी सरकार ने वापस लिए नगर निगम ने दीनदयाल उपाध्याय योजना के अंतर्गत जींद व गोहाना रेलवे लाइन के साथ पार्क बनाने का फैसला लिया था। सरकार ने करीब 12 करोड़ रुपये मंजूर किए थे। अधिकारियों ने इनकी प्ला¨नग बनाई थी, लेकिन निगम का काम शुरू नहीं हो पाया। सरकार ने चार महीने पहले 12 करोड़ रुपये वापस लेकर रोहतक ट्रांसफर कर दिए। नगर निगम अधिकारी अब नए सिरे से प्ला¨नग बनाने में लगे हुए हैं। सेक्टरवासी बोले निगम की ड्रामेबाजी कोट्स फोटो-सी मैं प्रधान बनने के बाद 15-20 बार निगम अधिकारियों से मिल चुका हूं। पांच नगर निगम कमिश्नर सेक्टर का दौरा कर चुके हैं। पिछले दिनों विकास कार्यों के टेंडर लगाए थे, लेकिन कंपनी ने काम नहीं किया। अधिकारी हर बार आश्वासन देते रहे। श्रीभगवान अग्रवाल, प्रधान सेक्टर-29-1 कोट्स फोटो-डी सेक्टर की सड़कें गड्ढों में नजर आने लगी है। निगम अधिकारी काम करने को तैयार नहीं है। सरकार को राजस्व देने के बाद भी सड़क व सीवर जैसी सुविधाओं को तरस रहे हैं। निगम अधिकारियों का इस तरफ कोई ध्यान नहीं है। एचएस धम्मू, प्रधान, सेक्टर-25। वर्जन : सेक्टर-25 और 29 पार्ट-1 की सड़कों के टेंडर दोबारा लगाए जाएंगे। निगम काम शुरू करने के बाद इंडस्ट्री डिपार्टमेंट से उक्त राशि ले लेगा। दीनदयाल उपाध्याय योजना के तहत रेलवे लाइनों के साथ पार्क बनाने के भी टेंडर जल्द ही लगाए जाएंगे। रमेश कुमार, एसई, नगर निगम। वर्जन : कंपनी सेक्टर-29-1 के विकास कार्य शुरू नहीं कर पा रही थी। उद्यमी कई बार अपनी समस्या रख चुके थे। अब नए सिरे से टेंडर लगवाए जाएंगे। अवनीत कौर, मेयर।

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