Move to Jagran APP

कोरोना महामारी ने कुपोषित बच्चों की सेहत पर भी लगाया ताला, पोषण पुनर्वास केंद्र बंद

कोरोना महामारी से हर किसी के प्रभावित किया हुआ है। हर तरफ कोरोना की दूसरी लहर ने कहर बरपाया। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग का पोषण पुनर्वास केंद्र दूसरी बार अस्थाई रूप से बंद हो गया है। छह साल तक की आयु के कुपोषित-अति कुपोषित बच्चों को रखा जाता है।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Sun, 16 May 2021 09:19 AM (IST)Updated: Sun, 16 May 2021 09:19 AM (IST)
कोरोना महामारी ने कुपोषित बच्चों की सेहत पर भी लगाया ताला, पोषण पुनर्वास केंद्र बंद

पानीपत, जेएनएन। वर्ष-2021 की शुरुआत में अच्छी खबर आई थी कि सिविल अस्पताल का पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) चौबीसों घंटे खुलेगा। कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने ऐसा कहर बरपाया हुआ है कि केंद्र 24 घंटे खुलना तो दूर, स्वास्थ्य विभाग को यह केंद्र अस्थाई रूप से बंद करना पड़ा है।

loksabha election banner

बाल पोषण पुनर्वास केंद्र में शून्य से छह साल तक की आयु के कुपोषित-अति कुपोषित बच्चों को रखा जाता है। सिविल अस्पताल में करीब ढ़ाई साल पहले सेंटर खोला गया था। सरकार की गाइडलाइन की बात करें तो केंद्र सातों दिन चौबीसों घंटे खुलना चाहिए। बच्चा जब तक स्वस्थ न हो जाए, उसे डिस्चार्ज नहीं किया जा सकता। बच्चों को इलाज और पौष्टिक भोजन प्रदान किया जाता है। बच्चे के अभिभावक (माता या पिता) को भी केंद्र में रहने की अनुमति है, ताकि वह अपने बच्चे की उचित देखभाल कर सके। शुरुआत में तो स्टाफ और बजट के अभाव में केंद्र को ओपीडी के समय तक खोला गया।

पिछले साल अप्रैल में बंद हुआ सेंटर

मार्च-2020 में कोरोना महामारी आई तो अप्रैल में इस केंद्र को बंद करना पड़ा। कारण कुपोषित बच्चों का इम्यूनिटी सिस्टम बहुत कमजोर होता है। ये बच्चे अस्पताल में रहकर कभी भी कोरोना की चपेट में आ सकते थे।माता-पिता भी संक्रमित हो सकते थे। वर्ष-2020 के अंत में कोरोना केस घटे तो विभाग ने एनआरसी को चौबीसों घंटे खोलने का निर्णय लिया है। यह निर्णय अधिक दिन कारगर नहीं हुआ।

बच्‍चे होने लगे सं‍क्रमित

मार्च 2021 में कोरोना की दूसरी लहर ऐसी कि तमाम बच्चे भी संक्रमित आने लगे। नतीजा, केंद्र भर्ती बच्चों को डिस्चार्ज कर दिया गया है। उनके माता-पिता को डाइट प्लान बताया गया ताकि वे बच्चों को पौष्टिक भोजन दे सकें। केंद्र को पुन: अस्थाई रूप से बंद कर दिया गया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.