Move to Jagran APP

रेलवे में अब माल ढुलाई की बुकिंग रद कराने पर लगेगा हर्जाना, हरियाणा व कई जगह सामने आया फर्जीवाड़ा

रेलवे ने अब माल ढुलाई बुकिंग में फर्जीवाड़ा और गड़बड़ी रोकने के लिए बड़ा कदम उठाया है। रेलवे अब माल ढुलाई बुकिंग रद करने पर हर्जाने की वसूली करेगा। हरियाणा सहित कई जगहों पर माल ढुलाई बुकिंंग रद करने में फर्जीवाड़ा सामने आया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Thu, 24 Jun 2021 08:56 AM (IST)Updated: Thu, 24 Jun 2021 09:02 AM (IST)
रेलवे अब माल ढुलाइ्र बुकिंग कैंसिल करने पर हर्जाना लेगा। (फाइल फोटो)

अंबाला, [दीपक बहल]।  रेलवे में अब माल ढुलाई कराने के बाद उसे रद करना भारी पड़ेगा। अब इसके लिए रलवे हर्जाना वसूलेगा। रेलवे में माल ढुलाई में फर्जीवाड़े पर रेलवे विजिलेंस ने शिकंजा कस दिया है। अब बुकिंग होने के बाद रेल साइडिंग (जहां मालगाडिय़ों में लोडिंग व अनलोडिंग होती है) पर सामान रखने के बाद बुकिंग को रद नहीं किया जा सकेगा।

loksabha election banner

रेल साइडिंग पर माल लाने के बाद ट्रेन नहीं अन्य ट्रांसपोर्ट से भेजा जाता रहा माल

इसके साथ ही यदि 15 दिन तक भी रेलवे लोडिंग नहीं कर पाती तो बुकिंग को रद किया जा सकता है। इससे पहले बुकिंग रद करने पर कारोबारी को जुर्माने के तौर पर मोटी राशि रेलवे को देनी होगी। 24 घंटे के 72 हजार रुपये हर्जाना देना होगा, जो बढ़ता जाएगा। ऐसे मामने सामने आए हैं कि रेल साइडिंग पर माल लाने के बाद ट्रेन नहीं अन्‍य ट्रांसपोर्ट से माल को भेजा गया।

रेल मंत्रालय ने देश भर के ङ्क्षप्रसिपल चीफ कमर्शियल मैनेजर को जारी किए आदेश

यह कदम हरियाणा सहित कई राज्‍यों में बुकिंग रद कराने में फर्जीवाड़े व गड़बड़ी के मामले सामने आए थे। विजिलेंस ने ऐसे मामले पकड़े, जिसमें बुङ्क्षकग होने के बाद भी रद की जा रही थी। अब रेल मंत्रालय ने 21 जून 2021 को देश भर के सभी ङ्क्षप्रसिपल चीफ कमर्शियल मैनेजर (पीसीसीएम) को पत्र जारी किया है।

इस तरह से होती है माल ढुलाई बुकिंग

एक राज्य से दूसरे राज्य माल भेजने के लिए कारोबारी रेलवे से बुुकिंग करवाते हैं। माल कहां से कहां भेजना है इसकी बुकिंग के बाद सिक्योरिटी जमा करवा दी जाती है। कारोबारी रेलवे से माल को स्टेशन पर लाने की अनुमति मांगता है, जिसे रेलवे की भाषा में एडवांस स्टेकिंग एट रेलवे प्रीमिसिस कहा जाता है। जितने घंटे की अनुमति दी जाती है, उस बीच रेलवे की साइडिंग पर माल पहुंचाया जाता है।

फर्जीवाड़े पर विजिलेंस की रिपोर्ट का दिया हवाला, रेलवे के राजस्व को हो रहा था नुकसान

ऐसे मामले प्रकाश में आए, जिसमें बुकिंग के बाद माल तो पहुंचा दिया गया, लेकिन इसके बाद बुकिंग किसी कारणवश रद कराकर सामान अन्य ट्रांसपोर्ट के माध्यम से भेज दिया जाता है। ऐसे में माल जितने दिन रेलवे की जमीन पर पड़ा रहा, उसका किराया भी रेलवे को नहीं मिल पाता। एक घंटे का डेढ़ सौ रुपये एक डिब्बे का किराया देना होता है। यदि कारोबारी माल को बुक करने के बाद रद कर दे, तो इसी हिसाब से 20 बोगी का 24 घंटे का 72 हजार रुपये किराया बन जाता है।

-----------

'' कारोबारियों को रेलवे साइडिंग पर सामान लाने की तय दिनों की अनुमति दी जाती है। अनुमति मिलने के बाद कारेाबारी इसे रद नहीं कर सकता। यदि वह रद करता है तो उसे रेलवे को नियम अनुसार हर्जाना देना होगा।

                                                                                   - विवेक शर्मा, सीनियर डीसीएम (फ्रेट), अंबाला।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.