बस यात्रियों के लिए काम की खबर, जयपुर के बाद अब पानीपत से अलवर के लिए चली रोडवेज
ऐतिहासिक स्थलों और किलों को देखने का मिलेगा मौका। मास्क लगाए बिना सफर नहीं कर पाएंगे यात्री। मास्क लगाने से परहेज करने वाले यात्रियों के बस स्टैंड परिसर में चालान काटने के लिए विशेष टीम का गठन किया गया है।
पानीपत, जेएनएन। अगर आपको एतिहासिक स्थल देखने में दिलचस्पी है, तो आपके लिए कोरोना काल में एक राहत भरी खबर है। पानीपत डिपो से हाल ही में जयपुर के बाद अब अलवर के लिए भी बस सेवा शुरू कर दी गई है। यात्री बस से सफर कर राजस्थान के जयपुर और अलवर जिले में बने किलों का भ्रमण कर पाएंगे।
बता दें कि कोरोना काल में अनलॉक 5.0 के बाद अब हरियाणा रोडवेज परिवहन व्यवस्था दोबारा सड़क पर लौट रही है। लगभग 15 दिन पहले ही पानीपत रोडवेज डिपो की बसों को उत्तराखंड, पंजाब, हिमाचल और उप्र के विभिन्न जिलों में चलाने की अनुमति मिली थी। उत्तराखंड में हरिद्वार, देहरादून और उप्र में बिजनौर तक के लंबे रूटों पर पानीपत डिपो की बसें फेरे लगा रही है। वहीं पंजाब में जालंधर और हिमाचल प्रदेश में चिंतपूर्णी तक पानीपत डिपो के अधिकारी रोडवेज बसों का संचालन कर रहे है।
सुबह 5:30 बजे अलवर और 7 बजे जयपुर जाएगी बस
पानीपत डिपो से अलवर और जयपुर रूट पर एक-एक बस का संचालन किया जा रहा है। पानीपत डिपो से सुबह साढ़े 5 बजे बस अलवर और 7 बजे जयपुर के लिए रवाना होगी। सफर के दौरान कोरोना संक्रमण से बचने के लिए यात्रियों के लिए मास्क लगाना अनिवार्य है। बिना मास्क लगाए यात्रियों को बस में सफर करने की मनाही है। मास्क लगाने से परहेज करने वाले यात्रियों के बस स्टैंड परिसर में चालान काटने के लिए विशेष टीम का गठन किया गया है।
बाला किला के लिए मशहूर है अलवर
राजस्थान का अलवर जिला खासकर बाला किले के लिए मशहूर है। 304 मीटर की ऊंचाई पर बने इस किले का निर्माण दसवीं शताब्दी में किया गया था। यहां के सिटी पैलेस में राजकीय संग्रहालय है, जहां लघु-चित्रों मिनिएचर पेंटिंग्स) का दुर्लभ संग्रह है। इसके अलावा मूसी महारानी की छतरी, विनय पैलेस, विजय मंदिर पैलेस और मोती डूंगरी है। अन्य पर्यटन स्थलों में सिलीसेढ़ झील व जयसमंद झील प्रमुख हैं।