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अब ट्रेनों में वेटिंग से मिलेगी राहत, थर्ड एसी में 72 की जगह 83 सीटों की बुकिंग, साफ्टवेयर हो रहा अपडेट

Railway News अब ट्रेनाें में वेटिंग का झंझट से राहत मिलेगी और पहले की अपेक्षा अधिक यात्री सफर कर सकेंगे। दरअसल ट्रेनों के थर्ड एसी में अब 72 की जगह 83 सीट होंगे। इसके साथ ही इन बोगियों में अत्‍याधुनिक सुविधाएं होंगी।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Thu, 22 Jul 2021 07:56 AM (IST)Updated: Thu, 22 Jul 2021 07:56 AM (IST)
अब ट्रेनों में वेटिंग से मिलेगी राहत, थर्ड एसी में 72 की जगह 83 सीटों की बुकिंग, साफ्टवेयर हो रहा अपडेट
अब ट्रेनों के थर्ड एसी में 7 2 की जगह 83 सीट होंगे। (फाइल फोटो)

अंबाला, [दीपक बहल]। ट्रेनों में सफर करने वाले यात्रियों के लिए अच्छी खबर है। यात्रियों को वेटिंग टिकट के झंझट से राहत मिलेगी और ट्रेनों में अधिक यात्री सफर कर सकेंगे। अब थर्ड एसी के आधुनिक कोच में 83 सीटों के लिए बुकिंग होगी। मौजूदा समय में एक कोच में 72 सीटें ही बुक होती हैं। इसके लिए रेल मंत्रालय ने 19 जुलाई को रेलवे सूचना प्रणाली केंद्र सिस्टम (क्रिस) को आदेश जारी कर दिया है।

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साफ्टवेयर अपग्रेड करने में जुटा क्रिस, 83 सीट वाले 35 आधुनिक कोच अलग-अलग जोन में भेजे गए

अब क्रिस साफ्टवेयर को अपग्रेड करने में जुट गया है ताकि थर्ड एसी के आधुनिक कोच में 83 सीटें बुक हो सकें। रेलवे ने फिलहाल ऐसे 35 कोच तैयार कर लिए हैं जबकि अलग-अलग रेल कोच फैक्ट्री में और कोच तैयार किए जा रहे हैं। इन नए कोच से जहां यात्रियों को वे¨टग टिकट के झंझट से छुटकारा मिलेगा वहीं रेलवे का राजस्व बढ़ेगा।

रेल मंत्रालय ने जारी किए आदेश, वेटिंग टिकट से मिलेगा छुटकारा, रेलवे की बढ़ेगी आमदनी

बता दें पंजाब की रेल कोच फैक्ट्री (आरसीएफ) कपूरथला में 256 आधुनिक कोच वित्तीय वर्ष 2021-22 में बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें से 35 कोच बनाए जा चुके हैं, जिसमें से 32 से अधिक कोच अलग-अलग रेलवे जोन को भेजे चुके हैं। इसके अलावा कोच में एसी का विशेष ध्यान रखा है। हर सीट पर एसी वेंट (लग्जरी कारों की तरह हर सीट पर) दिया गया है। मिडल और अपर बर्थ में ज्यादा हेडरूम, री¨डग लाइट और खिड़कियों पर एडजस्टेबल पर्दे भी लगाए गए हैं।

आरडीएसओ से अनुमति मिलने के बाद बन रहे कोच

83 सीटों का कोच बनाने के लिए केबिन को पहले की तुलना में थोड़ा छोटा कर दिया गया है। बेड रोल रखने वाली जगह भी सीट में इस्तेमाल होगी। इस डिब्बा को बनाने से पहले लखनऊ स्थित अनुसंधान अभिकल्प और मानक संगठन (आरडीएसओ) को डिजाइन भेजा गया था। वहां से अनुमति मिलने के बाद ही कोच बनाए गए।

इसमें इलेक्ट्रिक पैनल को रीडिजाइन किया गया है, ताकि सामान्य डिब्बों में पड़ने वाले फुट प्रिंट भी न पड़ें। इसमें माड्यूलर डिजाइन की सीट व बर्थ बनाए गए हैं, जबकि स्नैक टेबल भी लगाए गए हैं। कोच में वेस्टर्न और ईस्टर्न स्टाइल टायलेट डिजाइन में भी बदलाव किया गया है।

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यहां भेजे गए कोच

      रेलवे जोन               भेजे गए कोच

  1. पश्चिमी रेलवे-           10
  2. उत्तर मध्य रेलवे-       07
  3. पूर्वोत्तर रेलवे-            05
  4. उत्तर रेलवे-               03
  5. उत्तर पश्चिम रेलवे-     05
  6. मध्य रेलवे-              02

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'' आधुनिक कोच सुविधाओं से लैस है। कोच में सीटें बढ़ाने के साथ-साथ सुविधाओं में भी इजाफा किया गया है। 35 कोच तैयार कर लिए गए हैं जिन्हें रेलवे जोन को सौंप दिया गया है।

                                                                            - रविंदर गुप्ता, जीएम, रेल कोच फैक्टरी, कपूरथला।


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