बैठे-बैठे हो गई थीं मोटी, अब इनकी बॉडी देख बजती तालियां
करनाल में हुई मिस्टर और मिस फिटनेस बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिता हुई। इसमें चंडीगढ़ से आईं नार्थ इंडिया चैंपियन बॉडी बिल्डर रीटा देवी ने दैनिक जागरण से अनुभव सांझा किए।
पानीपत/करनाल, [धर्मसिंह]। सिर्फ बाडी बिल्डर ड्रेस में मंच पर लड़की आ जाए, कोई हूटिंग न हो, कोई शोर-शराबा नहीं। कोई सीटी ना बजे, बल्कि हर किसी के मन में उसके प्रति सम्मान हो। क्या यह संभव है। छोटे शहर में तो यह सोचा भी नहीं जा सकता, लेकिन यह संभव है। करनाल इसका चश्मदीद बना।
मिस्टर करनाल और मिस फिटनेस बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिता में चंडीगढ़ मनीमाजरा से भाग लेने आई बॉडी बिल्डर रीटा देवी जैसे ही मंच पर आई तो हर किसी ने तालियों से उसका स्वागत किया। लड़की और बाडी बिल्डर, हर किसी के मन में यही सवाल था।
रीटा ने कहा, हां क्यों नहीं। उसका पलटकर सवाल था, क्या इस पर सिर्फ लड़कों का अधिकार है। और यदि है भी ठीक है, मैं इस अधिकार को चैलेंज करती हूं। इस जवाब के साथ ही उसे निहार रही कई जोड़ी आंखों का रवैया बदल गया। नजरों का यह मिजाज तब तक बदला रहा, जब तक आखिरी महिला प्रतिभागी मंच से गुजर नहीं गई। कार्यक्रम के अंत में दैनिक जागरण से चर्चा करते हुए नार्थ इंडिया की चैंपियन रीटा देवी ने कुछ इस तरह अपने विचार सांझा किए।
कितना मुश्किल होता है, मेल के सामने इस कास्ट्यूम में आना?
हां, शुरू में थोड़ी दिक्कत थी, लेकिन बाद में सब ठीक हो गया। अच्छा लगता है जब हर कोई तालियां बजाता है। शुरू में परिवार का सहयोग नहीं मिलता था, लेकिन धीरे-धीरे सब सामान्य हो जाता है। अगर हरियाणा की बात करें तो यहां अभी कुछ समय और लगेगा। यहां के लोग फीमेल के प्रति ओपन नही हैं। ये महिलाओं को केवल पर्दे में ही देखना चाहते हैं।
कैसे इसकी शुरुआत हुई?
बॉडी बिल्डर रीटा देवी ने कहा कि वे बचपन से पतली थी। मैंने ऑनलाइन बिजनेस किया तो बैठे रहने के कारण मोटी होने लगी। बॉडी मेंटेन करने के लिए जिम ज्वाइंन किया। धीरे-धीरे इस ओर रूझान हो गया। आज कई प्रतियोगिता जीत चुकी हूं। चेन्नई में हुई नेशनल प्रतियोगिता में मैंने 5वां स्थान हासिल किया। जम्मू-कश्मीर में हुई नार्थ इंडिया चैंपियनशिप में मैं अव्वल रही। अभी मैंने लगभग दो साल पहले ही बॉडी फिटनेस की ओर ध्यान देना शुरू किया। आगे मेरा लक्ष्य ओलंपिक चैंपियन बनने का है। समय चाहे कितना भी लगे मैं निरंतर इस प्रयास में लगी रहूंगी।
लड़कियां सिर्फ खूबसूरती के लिए नहीं, बल्कि स्वस्थ रहने के लिए दें शरीर पर ध्यान दें
बॉडी फिटनेस की जरूरत लड़कों से ज्यादा लड़कियों को होती है। समय-समय पर उनकी बॉडी में प्राकृतिक बदलाव होते हैं। अगर वो अपनी फिटनेस की ओर ध्यान नहीं देंगी तो उन्हें ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। मसलन जब लड़कियों की शादी होती है तब भी शारीरिक बदलाव होता है, उसके बाद जब बच्चा होता है तो भी शरीर में बदलाव होता है। यही नहीं बुढ़ापे तक महिलाओं में पुरुषों से ज्यादा बदलाव होते रहते हैं। अगर लड़कियां बॉडी फिटनेस की ओर ध्यान दें तो बहुत सी बीमारियों से दूर रह सकते हैं। जरूरी नही कि जिम ही ज्वाइन किया जाए बॉडी फिटनेस तो योग के माध्यम से भी मेंटेन की जा सकती है।
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