337 स्कूलों का फैसला आज, हाईकोर्ट पर नजर
बृजपाल परमार ने 2017 में हाईकोर्ट में अस्थायी व गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों के खिलाफ हाईकोर्ट में केस दायर किया था। इसी बीच 2019 में प्राइवेट स्कूल संचालक भी पार्टी बन गए। इस मामले में लगातार सुनवाई चल रही है।
जागरण संवाददाता, पानीपत : जिले के 337 अस्थायी और गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों के भविष्य का फैसला आज आएगा। हाईकोर्ट अपने पहले फैसले पर अडिग रहती है तो जिले के करीब एक लाख बच्चे और छह हजार के करीब स्टाफ सदस्य सड़क पर आ जाएंगे। स्कूल संचालकों की फैसले को लेकर धड़कन बढ़ी हुई हैं।
बृजपाल परमार ने 2017 में हाईकोर्ट में अस्थायी व गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों के खिलाफ हाईकोर्ट में केस दायर किया था। इसी बीच 2019 में प्राइवेट स्कूल संचालक भी पार्टी बन गए। इस मामले में लगातार सुनवाई चल रही है। हाईकोर्ट ने गत दिनों इन स्कूलों को बंद करने के आदेश दिए थे। शिक्षा विभाग पिछले तीन महीने से स्कूलों को बंद कराने के प्रयास में लगा हुआ था, लेकिन किसी तरह की कार्रवाई नहीं की जा सकी थी।
23 स्कूलों पर मुकदमा दर्ज करने की सिफारिश है
शिक्षा विभाग के आदेशों पर गत दिनों शिक्षा विभाग ने कमेटी बनाकर जिला के 337 स्कूलों का निरीक्षण कराया था। इसी बीच स्कूल संचालक दो दिन ही हड़ताल पर चले गए थे। निरीक्षण के दौरान जिला में 23 स्कूल खुले मिले, जबकि बाकी स्कूलों के गेट पर ताले लगे मिले। शिक्षा विभाग ने इन 23 स्कूलों की प्रबंधन के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की सिफारिश एसपी को भेजी थी। इसकी एक रिपोर्ट शिक्षा निदेशक को भी भेज दी थी। इनमें 19 स्कूल प्राइमरी व मिडिल और चार स्कूल हाई व सीनियर सेकेंडरी वर्ग में थे।
स्कूल संचालकों की यह है मांग
प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के जिला प्रधान श्रीनिवास मित्तल ने बताया कि स्कूल संचालकों ने अपने स्तर पर जमीन लेने का प्रयास किया है, लेकिन आसपास आबादी बसने के चलते किसी प्रकार की जमीन नहीं मिल पा रही। वे इसमें छूट की मांग कर रहे हैं। वे दूसरे नियमों में भी छूट देने की मांग कर रहे हैं। सरकार उनकी मांग लागू नहीं कर रही है।