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शिक्षा के अधिकार के लिए विद्यार्थियों का रोष मार्च, जानिए क्यों सड़कों पर उतरी छात्राएं

कैथल के राजकीय महाविद्यालय में प्राध्यापकों की नियुक्ति ना होने पर छात्राओं में रोष देखने को मिला। छात्राएं रोष मार्च निकालते हुए मिनी सचिवालय पहुंची। यहां पर छात्राओं ने नायब तहसीलदार सुनील कुमार को मांगों का एक ज्ञापन भी सौंपा।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Fri, 26 Nov 2021 03:41 PM (IST)Updated: Fri, 26 Nov 2021 03:41 PM (IST)
शिक्षा के अधिकार के लिए विद्यार्थियों का रोष मार्च, जानिए क्यों सड़कों पर उतरी छात्राएं
कैथल में छात्राओं ने निकाला रोष मार्च।

कैथल, जागरण संवाददाता। सरकार द्वारा डेढ़ वर्ष पहले पूरे प्रदेश में कुल 11 राजकीय कालेज की घोषणा की थी। इन कालेजों की घोषणा के तहत सीवन खंड के लदाना चक्कू व राजौंद में नया कालेज शुरू किया गया है। इन कालेजों में तुरंत ही कक्षाएं भी शुरू की जा चुकी थी। लेकिन यहां पर अभी तक नियमित स्टाफ भर्ती नहीं किया गया। लदाना चक्कू में तो एक प्राध्यापक व प्राचार्य की नियुक्त कर दी गई है। लेकिन राजौंद में एक भी प्राध्यापक की नियुक्त नहीं हुई है। इसी के विरोध में शुक्रवार को राजकीय कालेज राजौंद की छात्राएं डीसी प्रदीप दहिया से अपनी मांगों को पूरा करने की गुहार लगाने के लिए पहुंची। छात्राएं सबसे पहले नए बस स्टैंड पर एकत्रित हुई। जिसके बाद वे सरकार के खिलाफ नारेबाजी करती हुई लघु सचिवालय में पहुंची। यहां पर छात्राओं ने नायब तहसीलदार सुनील कुमार को मांगों का एक ज्ञापन भी सौंपा।

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छात्राओं को पढ़ाई करने में झेलनी पड़ती है परेशानी 

छात्राओं का कहना था कि सरकार बेटी बचाओ और बेट पढ़ाओं के बड़े दावे करती है, लेकिन छात्राओं को पढ़ाई करने में काफी परेशानी झेलनी पड़ती है। प्रदर्शन कर रहीं छात्रा सोनिया, स्वाति, सविता, रेनू, आरती व छात्र अमन, सुनील और राकेश का कहना था कि पिछले वर्ष कोरोना महामारी के कारण आनलाइन माध्यम से पढ़ाई करवाई जा रही थी। परंतु इस सत्र से दाखिला प्रक्रिया पूरी होने के बाद नियमित रुप से कक्षाएं शुरू हो चुकी है। यहां पर कोई नियमित प्राध्यापक न होने की स्थिति में वह पढ़ाई नहीं कर पा रहा हैं। जो विद्यार्थी द्वितीय वर्ष में हो चुके हैं, उनके लिए एक भी शिक्षक की नियुक्ति नहीं की गई है। जिससे उनकी शिक्षा बुरी तरह से प्रभावित हो रही है।

एक प्राध्यापक था उन्हें भी वापस बुला लिया

विद्यार्थियों ने कहा कि कालेज में पहले एक प्राध्यापक की नियुक्ति थी। वह भी अंग्रेजी विषय पढ़ाते थे। पिछले कुछ माह पहले उन्हें भी वापस बुला लिया। वहीं, राजकीय कालेज, राजौंद की कार्यकारी प्राचार्या वीना बहल ने कहा कि कई जगहों पर नए कालेज में शुरूआत में प्राध्यापकों की नियुक्ति की समस्या होती है। इस समस्या को लेकर संबंधित विभाग के आला अधिकारियों को कई बार पत्र लिखे गए हैं। एक बार फिर से आला अधिकारियों को विद्यार्थियों की इस समस्या से अवगत करवाया जाएगा।


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