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NIT Kurukshetra: कर्मचारियों की पदोन्नति में नियमों की अनदेखी, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने मांगा जवाब

एनआइटी कुरुक्षेत्र में कर्मचारियों की पदोन्नति में नियमों की अनदेखी को लेकर चर्चा चल रही है। कई विभागों में कर्मचारियों की योग्यता कम होने पर भी उन्हें पदोन्नति दी गई है। इसी खेल में कई योग्य कर्मचारी पदोन्नति से वंचित रह गए हैं।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Fri, 24 Sep 2021 06:05 AM (IST)Updated: Fri, 24 Sep 2021 07:19 AM (IST)
NIT कुरुक्षेत्र में कर्मचारियों की पदोन्नति को लेकर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने संस्थान से जवाब मांगा है।

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान यानि NIT में कर्मचारियों की पदोन्नति में नियमों की अनदेखी को लेकर चर्चा चल रही है। कई विभागों में कर्मचारियों की योग्यता कम होने पर भी उन्हें पदोन्नति दी गई है। इसी मामले में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने संस्थान से जवाब मांगा है। आयोग की ओर से अगस्त के अंतिम सप्ताह में भेजे गए पत्र में गत वर्ष की गई कई कर्मचारियों की पदोन्नति पर जवाब मांगा गया है। बताया जा रहा है इस पत्र के एनआइटी में अधिकारियों के पास पहुंचने के बाद संस्थान की ओर से एक कमेटी बनाकर इसका उचित जवाब भी तैयार किया जा रहा है। इस पत्र जवाब न दिए जाने पर आयोग की ओर से दो दिन पहले ही रिमांइडर भेजा गया है। इस रिमांइडर में एक सप्ताह तक पत्र का जवाब मांगा गया है।

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नियमों की हो रही है अनदेखी

पिछले एक साल भर से एनआइटी में कर्मचारियों की पदोन्नति में नियमों की अनदेखी को लेकर चर्चा चल रही है। कई विभागों में कर्मचारियों की योग्यता कम होने पर भी उन्हें पदोन्नति दी गई है। इसी खेल में कई योग्य कर्मचारी पदोन्नति से वंचित रह गए हैं। अब इसी मामले पर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की ओर से पत्र जारी करने पर एनआइटी परिसर में दोबारा चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है। अब पदोन्नति मतभेद का शिकार कर्मचारी भी जल्द से जल्द कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। एनआइटी की लोक संपर्क विभाग के इंचार्ज डा. आरपी चौहान ने बताया कि संस्थान को इस तरह का कोई पत्र मिला है तो इसका जवाब तैयार किया जा रहा होगा। वह इस बारे में पता कर कल पूरी जानकारी देंगे।

24 सितंबर तक दिया जाना था जवाब

राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की ओर से जारी पत्र का जवाब 24 सितंबर तक दिया जाना था, लेकिन इस मामले कोई जवाब न मिलने पर आयोग 21 सितंबर को पत्र जारी कर एक सप्ताह तक जवाब मांगा ग है।


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