काश, बातों में नहीं आता दोस्त तो बच जाती जतिन की जान
जासं, कुरुक्षेत्र : कुरुक्षेत्र गुरुकुल के नौवीं के छात्र जतिन कुमार ने फंदे पर लटक कर आत्महत्या कर ली।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : कुरुक्षेत्र गुरुकुल में नौवीं कक्षा के छात्र जतिन कुमार ने छात्रावास के कमरे के रोशनदान की ग्रिल पर फंदा लगाकर जान दे दी। वह गत 09 जुलाई को ही झज्जर के माजरी स्थित अपने गांव से आया था। तभी से उदास था। दो दिन पहले भी उसने आत्महत्या का प्रयास किया था।
जतिन के सहपाठियों ने बताया कि मंगलवार शाम सात बजे सभी छात्र खाना खाने मेस की ओर चले गए, लेकिन जतिन उनके साथ नहीं गया। वह चौथी मंजिल पर अपने कमरा नंबर 91 की ओर गया था। उसके रूम मेट राजीव ने बताया कि वह कमरे में पहुंचा तो जतिन को लटकते देखा। उसने वार्डन को बताया। जतिन को तत्काल नीचे उतारा गया और निजी अस्पताल में भर्ती कराया, मगर जब तक उसकी मौत हो चुकी थी। दो दिन पहले भी किया था आत्महत्या का प्रयास
कमरा नंबर 99 में रहने वाले उसके दोस्त दिव्यांश ने बताया कि दो दिन पहले वह जतिन के कमरे में पहुंचा तो वह तौलिये का फंदा बना रहा था। उसने उसे गले में डाल कर भी देखा। गुस्सा करने पर कहने लगा कि मजाक कर रहा था। तू मेरा भाई है और किसी को नहीं बताएगा, नहीं तो शिक्षक धमकाएंगे। इसके बाद दोनों नार्मल हो गए और दिव्यांश ने घटना का किसी से जिक्र नहीं किया। गैलरी में देखते हुए घुसा था जतिन कमरे में
सीसीटीवी फुटेज के अनुसार जतिन सायं 6 बजकर 55 मिनट पर हॉस्टल की गैलरी में दिखा। उस समय लगभग सभी छात्र मैस में खाना खाने के लिए जा रहे थे। मैस में खाना सात बजे शुरू हो जाता है। उसे गैलरी में अन्य कमरों की ओर झांककर भी देखा कि कोई कमरे में है तो नहीं है। इसके बाद वह अपने कमरे में चला गया। दोबारा छह बजकर 58 मिनट पर एक बार फिर वह दिखा। उसके बाद वह कमरे में चला गया और बाहर नहीं आया। 7.55 बजे अन्य छात्र हॉस्टल में आ गए थे। परिजनों ने हत्या की आशंका जताई
जतिन के पिता शशि कुमार ने हत्या की आशंका जताई। कहाकि उनका बेटा आत्महत्या नहीं कर सकता। रविवार को पूरे परिवार ने उससे बात की थी। तब तक सब सामान्य था। उनका आरोप है कि घटना के समय जतिन के कमरे में जरूर उस समय कोई और था। केवल ढ़ाई फुट के तौलिये से फंदा कैसे बनाया जा सकता है। खिड़की भी केवल छह फुट तीन इंच ऊंचाई पर है, जबकि जतिन साढ़े पांच फुट का था। वह फांसी कैसे लगा सकता है।