डीसी-नगराधीश की जांच से उठा एनएचएम भर्ती गड़बड़झाला से पर्दा
डीसी धर्मेद्र सिंह ने एनएचएम निदेशक को दिसंबर-2020 में भेजी जांच रिपोर्ट में लिखा है कि अभ्यर्थियों के साक्षात्कार व दस्तावेजों की जांच कमेटी में जिला प्रशासन के प्रतिनिधि को शामिल नहीं किया गया था।
जागरण संवाददाता, पानीपत : राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत विभिन्न पदों पर हुई 66 की नियुक्ति के गड़बड़झाला से पर्दा उठाने में डीसी और नगराधीश की जांच अहम रही है। एनएचएम हरियाणा निदेशक द्वारा जारी आदेशों के मुताबिक सभी पद रद किए जाएंगे। इतना ही नहीं, चयन कमेटी सदस्यों के विरुद्ध भी अनुशासनिक कार्यवाही होगी।
डीसी धर्मेद्र सिंह ने एनएचएम निदेशक को दिसंबर-2020 में भेजी जांच रिपोर्ट में लिखा है कि अभ्यर्थियों के साक्षात्कार व दस्तावेजों की जांच कमेटी में जिला प्रशासन के प्रतिनिधि को शामिल नहीं किया गया था। चयनित उम्मीदवारों के अंतिम परिणाम को तत्कालीन डीसी और नगराधीश से सिर्फ अनुमोदन कराकर खानापूरी की गई। सभी उम्मीदवारों को स्थानीय का महत्व देकर 20 अंक दिए। इससे सरकार की हिदायतों का उल्लंघन हुआ। योग्य-बेरोजगार आवेदक भर्ती से वंचित भी रह गए हैं।
इसी रिपोर्ट के आधार पर एनएचएम हरियाणा निदेशक ने सभी पदों को डीसी के माध्यम से रद कराने के आदेश देकर सिविल सर्जन से रिपोर्ट तलब की है। चयन कमेटी के सदस्यों के नाम-पद की सूची महानिदेशक स्वास्थ्य सेवाएं हरियाणा को भेजने के निर्देश दिए हैं, ताकि इनके विरुद्ध विभागीय कार्यवाही हो सके।
डीजी हेल्थ को भी पत्र
एनएचएम हरियाणा निदेशक ने महानिदेशक स्वास्थ्य सेवाएं हरियाणा को भी पत्र भेजा है। उसमें लिखा है कि जिला पानीपत की चयन कमेटी के सदस्यों ने सरकार की हिदायतों का उल्लंघन किया है। एवज में अनुशासनिक कार्यवाही करते हुए अवगत कराएं।
चयन कमेटी में 10 से अधिक नाम
चयन कमेटी में 10 से अधिक नाम है। पदों की कैटेगरी के हिसाब से अलग-अलग कमेटी बनाईं गई थी। खास बात यह के एनएचएम के जिला नोडल अधिकारी डिप्टी सिविल सर्जन डा. नवीन सुनेजा, सिविल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डा. आलोक जैन सभी कमेटियों में शामिल हैं। इनके अलावा डा. ललित, डा. शशिलता, डा. श्यामलाल आदि को शामिल किया गया था। परीक्षा की उत्तर पुस्तिका जांचने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी में डिप्टी सिविल सर्जन डा. निशि जिदल, डा. सुनील संडूजा और डा. मनीष शामिल रहे।
दागी को दिया स्टेशनरी का प्रभार
भर्ती गड़बड़झाला को लेकर की शिकायत की जांच प्राइवेट-पब्लिक मिक्स को-आर्डिनेटर के पद पर भर्ती करनाल के निवासी गुरुदत्त से शुरू हुई थी। हैरत है कि विभाग ने उसे स्टेशनरी खरीद-वितरण सहित कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी हुई हैं।
डीसी ने भी भेजी गुरुदत्त की रिपोर्ट
विभाग में वर्ष 2004 से डाटा इंट्री आपरेटर के पद पर था। प्राइवेट-पब्लिक मिक्स को-आर्डिनेटर पद पर भर्ती के समय पानीपत आवास प्रमाण-पत्र के रूप में राशन कार्ड, मतदाता कार्ड, ड्राइविग लाइसेंस की प्रतिलिपि जमा कराई थी। राशन कार्ड 2013 तक मान्य था। वोटर कार्ड पानीपत नहीं, जिला करनाल में रजिस्टर था। चालक लाइसेंस पर पता समालखा का था, उसके पिछली साइड करनाल का पता था।
हाई कोर्ट में पहुंचा प्रतीक्षारत
प्राइवेट-पब्लिक मिक्स को-आर्डिनेटर पद के लिए परीक्षा देने वाले युवक मनोज को चयन कमेटी ने प्रतीक्षारत रखा था। उसने पंजाब एंड हरियाणा उच्च न्यायालय चंडीगढ़ में याचिका संख्या 9774 आफ 2020 दायर की हुई है। अगली सुनवाई 20 जनवरी को है।
दस साल से एनएचएम का प्रभार
एनएचएम का प्रभार जिला नोडल अधिकारी डा. नवीन सुनेजा के पास है। उनके पास यह प्रभार करीब 10 वर्षो से है जबकि तमाम डिप्टी सिविल सर्जन, सीनियर मेडिकल आफिसर आदि के प्रभार बदलते रहे हैं। यह स्थिति तब है जब भर्तियों पर हर साल सवाल उठते रहे हैं। पूरे मामले के शिकायतकर्ता रणबीर ने इस मामले को भी मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, स्टेट विजिलेंस से करने का मन बना लिया है।
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एनएचएम के जिला नोडल अधिकारी से सभी 66 कर्मियों का रिकार्ड सोमवार को लिया जाएगा। इनमें कोई महत्वपूर्ण, खासकर क्रय या वित्त की जिम्मेदारी संभाल रहा होगा, उससे चार्ज वापस लेंगे। डीसी द्वारा पद रद करते ही सभी को नोटिस जारी कर दिया जाएगा।
डा. संतलाल वर्मा, सिविल सर्जन पानीपत।