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सिविल अस्पताल से रेफर नवजात की मौत, इमरजेंसी के बाहर हुआ था जन्म

सिविल अस्पताल में इमरजेंसी के शेड के नीचे ई-रिक्शा में जन्मी बच्ची ने खानपुर मेडिकल कॉलेज में दम तोड़ दिया। वहीं प्रसूता को 4

By JagranEdited By: Published: Mon, 12 Aug 2019 08:31 AM (IST)Updated: Mon, 12 Aug 2019 08:31 AM (IST)
सिविल अस्पताल से रेफर नवजात की मौत, इमरजेंसी के बाहर हुआ था जन्म

जागरण संवाददाता, पानीपत : सिविल अस्पताल में इमरजेंसी के शेड के नीचे ई-रिक्शा में जन्मी नवजात बच्ची ने खानपुर मेडिकल कॉलेज में दम तोड़ दिया। वहीं, प्रसूता को 48 घंटे दाखिल रखने के बजाय मात्र 18 घंटे में ही डिस्चार्ज कर दिया।

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वधावाराम कॉलोनी वासी सुरेश की पत्नी सीमा ने शनिवार की अपराह्न करीब 3:05 बजे लड़की को जन्म दिया था। करीब 15 मिनट बाद उसे व्हीलचेयर और चिकित्सीय सुविधा मिली थी। महिला को डिलीवरी कक्ष और नवजात को सिक न्यू बोर्न चाइल्ड केयर यूनिट पहुंचाया गया था। सुरेश के मुताबिक करीब एक घंटे बाद ही नवजात को खानपुर के लिए रेफर कर दिया। पांच बजे वहां पहुंचे, शाम करीब सात बजे उसने दम तोड़ दिया। मौत का कारण फेफड़ों में गंदा पानी जाना बताया गया। सुरेश ने कहा कि पूरे प्रकरण की स्वास्थ्य मंत्री, सिविल सर्जन और एमएस से शिकायत की जाएगी। वहीं, सिविल सर्जन डॉ. जितेंद्र कादियान ने कहा कि काबड़ी पीएचसी हो या सिविल अस्पताल की चूक, एमएस से मामले की जांच कराएंगे।

नवजात की मौत का कौन जिम्मेदार

सीमा को प्रसव पीड़ा होने पर सुरेश ने तीन बार आशा वर्कर को कॉल की, रिसीव नहीं हुई। सुबह 10 बजे पत्नी को काबड़ी पीएचसी पहुंचाया। वहां नर्स ने चेकअप किया और इंजेक्शन लगाने के बाद घर के लिए भेज दिया। घर में पीड़ा ज्यादा हुई तो सिविल अस्पताल लाया गया। इमरजेंसी के बाहर ही प्रसव हो गया, नर्स और डॉक्टर ने देर से सुध ली। सवाल यह कि नवजात की मौत का जिम्मेदार है कौन। वर्जन :

मेट्रन को हिदायत दी गई है कि इमरजेंसी, लेबर रूम, ओपीडी सहित अन्य वार्ड में हर समय पर्याप्त स्ट्रेचर और व्हीलचेयर रखी होनी चाहिए। इस प्रकरण में शिकायत न भी आए तो भी जांच करेंगे।

डॉ. अमित पोडिया, डिप्टी एमएस एवं बिल्डिग प्रभारी

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