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पानीपत में हत्‍या की नई कहानी, अवैध शराब बेचने से रोका, नहीं माना तो सिर में गोली मारी

पानीपत में शराब ठेकेदार की हत्‍या के मामले में नई कहानी सामने आई है। सरपंच की हत्‍या के मामले में जमानत पर बाहर आए ठेकेदार की हत्‍या अवैध शराब के चलते की गई।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Tue, 11 Aug 2020 01:24 PM (IST)Updated: Tue, 11 Aug 2020 01:24 PM (IST)
पानीपत में हत्‍या की नई कहानी, अवैध शराब बेचने से रोका, नहीं माना तो सिर में गोली मारी
पानीपत में हत्‍या की नई कहानी, अवैध शराब बेचने से रोका, नहीं माना तो सिर में गोली मारी

पानीपत, जेएनएन। पानीपत के निंबरी गांव के शराब ठेकेदार कुलदीप उर्फ विक्की की सोमवार शाम को उसी के शराब के ठेके पर गोली मारकर हत्या मामले में नया मोड़ आ गया है। अब तक कहानी सरपंच की हत्‍या से जोड़कर देखी जा रही थी। स्वजन ठेकेदार की हत्या अवैध शराब बेचने से रोकने को लेकर मान रहे हैं, जबकि इस हत्याकांड को पुलिस पूर्व सरपंच राकेश उर्फ राका की हत्या से जोड़कर देख रही है। कुलदीप राका की हत्या में उम्रकैद की सजायाफ्ता था।

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निंबरी गांव के नीरज ने पुलिस को शिकायत दी कि उसके भाई कुलदीप की गांव से बापौली रोड पर स्थित शराब के ठेके में हिस्सेदारी थी। भाई ने तस्करों को शराब की तस्करी करने से रोका था। इसी वजह से कई दिन पहले गांव के पूर्व सरपंच प्रेम, अनिल, सिंदा और छोटू उसके भाई के साथ कहासुनी करके गए थे। सोमवार शाम को वह और भाई शराब के ठेके के साथ दुकान पर बैठे थे। सवा छह बजे उक्त आरोपितों ने ठेके के बाहर कई चक्कर लगाए।

भाई ने उसे चाय लेने के लिए घर भेज दिया। वह 6:35 बजे घर से लौटा तो वीरेंद्र, उसका बेटा विकास उर्फ विक्का, सुमित उर्फ फौजी, विशाल, सुरजीत व उसका भाई मंजीत और अन्य दो-तीन युवकों के साथ बाइकों पर आए। आरोपितों ने भाई पर धारदार हथियारों व डंडों से से हमला किया और गोली मार दी। वह जान बचाकर मौके से भाग गया। घायल भाई कुलदीप को स्वजनों सामान्य अस्पताल में भर्ती कराया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। सदर थाना पुलिस ने उक्त 11 आरोपितों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया है।

2011 में पूर्व सरपंच राकेश की हत्या कर दी थी

गली में मिट्टी डलवाने के विवाद में 16 जून 2011 को तत्कालीन सरपंच राकेश उर्फ राका की डंडों से पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। इस मामले में गांव के कुलदीप, उसके भाई राम, लक्ष्मण, नीरज और कुनबे के बिजेंद्र को 20-20 साल की कैद हुई थी। आरोपित हाईकोर्ट से जमानत पर थे।


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