डिलीवरी के दौरान नवजात की मौत, लापरवाही का आरोप लगा परिजनों ने किया हंगामा
हरियाणा के कैथल के गुहला सिविल अस्पताल में डिलीवरी के दौरान नवजात की मौत हो गई। इससे परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया। बच्चे की मौत के कारणों को लेकर शव को पोस्टमार्टम के लिए रोहतक पीजीआइ शव भेजा गया।
पानीपत/कैथल, जेएनएन। गुहला सिविल अस्पताल में गर्भवती महिला की डिलीवरी के दौरान बच्चे की मौत हो गई। स्वजनों ने स्टाफ पर डिलीवरी के दौरान लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए रोष प्रदर्शन किया। सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने बच्चे के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल पहुंचाया, लेकिन मशीन न होने के कारण शव को पोस्टमार्टम के लिए यहां से रोहतक पीजीआइ रेफर कर दिया। वहां चिकित्सकों के बोर्ड ने पोस्टमार्टम किया। रिपोर्ट आने के बाद ही पुष्टि हो पाएगी कि बच्चे की मौत कैसे हुई। स्वजनों ने कहा कि अगर उनकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो वह सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर हो जाएंगे।
ये लगाए हैं आरोप
खंबहेड़ा गांव निवासी गुरमुख सिंह ने बताया कि उसकी पत्नी स्वाति को प्रसव पीड़ा होने के कारण मंगलवार अल सुबह करीब चार बजे सिविल अस्पताल गुहला में दाखिल करवाया था। यहां कार्यरत स्टाफ ने 11 बजे के करीब डिलीवरी होने की बात कही। पत्नी की तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर उसने स्टाफ को इस अस्पताल से कैथल या दूसरे किसी अस्पताल में ले जाने की बात कही तो इस पर स्टाफ ने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है डिलीवरी यहीं पर हो जाएगी। उसके बार-बार कहने के बावजूद उसकी पत्नी की तबीयत बिगड़ती गई, लेकिन स्टाफ ने कोई गंभीरता नहीं दिखाई। आरोप है कि ड्यूटी पर कार्यरत स्टाफ ने डिलीवरी के दौरान भारी लापरवाही बरती इस कारण उसके बच्चे की मौत हुई है। आरोप लगाया कि उसकी पत्नी ने भी पुलिस को दिए बयान में यह बताया है कि जब डिलीवरी हो रही थी तो सफाई करने वाली महिलाएं भी उसकी डिलीवरी करने में लगी हुई थी, जो बहुत बड़ी लापरवाही है। स्वजनों ने इसकी शिकायत पुलिस को देकर कार्रवाई की मांग की।
गुहला पुलिस थाना से मामले के जांच अधिकारी कुलदीप सिंह ने बताया कि स्वजनों ने जो आरोप लगाए हैं उस आधार पर जांच की जा रही है। मृतक बच्चे के शव का पोस्टमार्टम रोहतक पीजीआई में करवाया गया है। रिपोर्ट अभी नहीं मिली है।
गुहला सिविल अस्पताल की एसएमओ डा.प्रीति सिंगला ने बताया कि यह मामला उनके संज्ञान में है। सीनियर अधिकारियों को सूचित किया गया है। जिला स्तर के चिकित्सक अधिकारियों की टीम बनाकर जांच के लिए कमेटी गठित की जाएगी। इसके बाद सीनियर अधिकारियों को रिपोर्ट भेजी जाएगी।