Panipat LockDown: यहां न जाति और न मजहब, केवल सेवा ही है इनका कर्म
पानीपत में जाति और मजहब से परे मानव सेवा का उदाहरण देखने केा मिल रहा है। विभिन्न धर्म जाति और पदों के लोग एकजुट होकर जरूरतमंदों की सेवा कर रहे।
पानीपत, जेएनएन। गरीब नहीं जानता क्या है, मजहब उसका। जो बुझाए पेट की आग, वही रब है उसका। लॉकडाउन में कुछ ऐसा ही दिख रहा है। जहां न जाति देखी जा रही है और धर्म। हर कोई केवल सेवा रूपी कर्म को करने में लगा है। ताकि कोई असहाय, निर्धन व जरूरतमंद भूखा नहीं सोए। जेडीआरएमपी वॉलीबाल क्लब समालखा भी प्रशासन से कंधा मिलाकर जरूरतमंदों तक राशन व खाने के तौर पर मदद पहुंचाने में लगा है।
हरियाणा पुलिस में एएसआइ के पद पर कार्यरत क्लब के पदाधिकारी दलबीर सिंह ने बताया कि 40 साल पुराना क्लब है। वॉलीबाल खेल को प्रमोट करने के मकसद से बनाया गया था। सभी लोग हर रोज शाम को मिलकर खेलते थे। लॉकडाउन लगा तो खेलना छूट गया। तभी क्लब से जुड़े सभी लोगों ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई का मैदान संभाल लिया। वो हर दिन जीटी रोड स्थित गुरुद्वारा में करीब 400 लोगों का खाना बनवाते हैं।
इस सेवा में क्लब पदाधिकारी प्रधान सुभाष शर्मा, इंद्र सिंह, अनिल, सुनील, राजा, सुरेंद्र ढांडा, नरेंद्र छौक्कर, कपिल, अंकित, रितेश के साथ साथ गुरुद्वारा के प्रधान गोपाल सिंह भी पूरे परिवार के साथ योगदान दे रहे हैं। दलबीर सिंह ने बताया कि क्लब को अन्य लोगों का भी सहयोग मिल रहा है। दिहाड़ी मजदूरी कर परिवार के लोगों को सूखा राशन भी मुहैया करा रहे हैं।
मदद के लिए आगे आईं कई संस्थाएं
कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन में फंसे मजदूरों और जरूरतमंदों के लिए सामाजिक संस्थाएं व समाजसेवी मदद के लिए आगे आ रहे हैं। बुधवार को जरूरतमंदों को खाना उपलब्ध कराने के लिए इसराना क्षेत्र मे 100 पैकेट राशन उपलब्ध कराया गया।
घर-घर वितरित की 15 सौ किलो सब्जी
लॉकडाउन में कोई भूखा न रहे, इसलिए सोमवार को कांग्रेस कार्यकर्ता बलराज शर्मा ने कारद, परढ़ाना, शाहपुर और इसराना में घर-घर जाकर सब्जियां वितरित की। सब्जी के साथ पांच किलो आटा भी जरूरतमंद परिवारों को प्रदान किया गया।