एनआइएस में नीरज चोपड़ा क्वारंटाइन, घर से आया बुलावा तो बोले-सभी को संकट में नहीं डाल सकता
अर्जुन अवार्डी जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा इन दिनों एनआइएस में क्वारंटाइन हैं। फोन पर बात करते हुए दादा ने नीरज को घर आने को कहा तो उन्होंने परिवार की सुरक्षा का हवाला दिया।
पानीपत, [विजय गाहल्याण]। कोरोना वायरस का खतरा है। अब संवाद भी इसी विषय पर होता है। लाड़ला पोता अर्जुन अवार्डी नीरज कैसा है, ये जानने के लिए जब दादा धर्म सिंह चोपड़ा ने फोन किया तो सबसे पहले यही कहा- बेटे करोना करड़ी बीमारी सै। ख्याल राखिये। दिक्कत मानै तो घरां आ जाइये। शरीर में थकावट बन ज्यै तो डंड बैठक मार लैना। नीरज ने जवाब में कहा, दादा जी। घबराओ मत। कोरोना को भी हरा देंगे। मैं ठीक सूंं। प्रेक्टिस ठीक चल रही है। मुझे 14 दिन अलग कमरे में रहने की सलाह दी है। मैं सारे गांव वालों को परेशान नहीं होने दूंगा। ये संवाद हुआ खंडरा गांव में रह रहे धर्म सिंह और पटियाला में मौजूद नीरज चोपड़ा के बीच।
नीरज चोपड़ा ओलंपिक 2020 के लिए क्लालीफाई करने के बाद तुर्की में अभ्यास कर रहे थे। कोरोना की वजह से 18 मार्च को स्वदेश लौट आए थे। घर में कुछ घंटे रहने के बाद वे पटियाला स्थित नेताजी सुभाष नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोर्ट्स (एनआइएस) में अभ्यास के लिए चले गए। वहां पर उन्हें भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) ने 14 दिन अलग रहने की सलाह दी।
वीडियो कॉल कर दोस्तों से बात करता हूं
आर्मी में सूबेदार नीरज चोपड़ा ने बताया कि वह क्वांरटाइन में है। शरीर तंदुरुस्त रखने के लिए हर रोज जिम में अभ्यास कर रहा है। कमरे में ही जैवलिन के साथ तकनीकी अभ्यास भी चल रहा है। पुराने दोस्तों से वीडियो कॉल करके गप्पे भी मार लेता हूं। चाचा भीम चोपड़ा को कॉल करके भी कहा कि वे स्वजनों को घर से बाहर न निकलने दें। पड़ोसियों को भी समझाएं। सभी मिलकर कोरोना को हराएंगे।
18 सदस्यीय परिवार है नीरज का
नीरज का 18 सदस्यों का संयुक्त परिवार है। वे सभी एक ही मकान में रहते हैं। परिवार में दादा धर्म सिंह चोपड़ा, पिता सतीश कुमार चोपड़ा, चाचा भीम चोपड़ा, सुल्तान और सुरेंद्र कुमार, मां, तीन चाची, बहनों और चचेरे भाई और बहनें हैं। वे भाई और बहनों में सबसे बड़े हैं। पिता सतीश कुमार किसान हैं।