घरेलू मार्केट में तुर्की के कारपेट से प्रतिस्पर्धा झेल रहा पानीपत
आधुनिक तकनीक की बदौलत तुर्की ने बढ़त बनाई पानीपत को कारपेट जोन घोषित कर आधुनिक तकनीकी मांगी
महावीर गोयल, पानीपत:
कारपेट निर्यात में अग्रणी पानीपत का कारपेट उद्योग घरेलू मोर्चे पर प्रतिस्पर्धा झेल रहा है। सालाना दो हजार करोड़ से अधिक का निर्यात पानीपत से हो रहा है। भदोई से 4000 करोड़ का निर्यात होता है। जबकि घरेलू मोर्चे पर तुर्की का बना हुआ कारपेट छाया हुआ है। विदेशों में हाथ से बना भारतीय कारपेट अधिक पंसद किया जा रहा है। घरेलू मार्केट में उल्टा हो रहा है। तुर्की, चीन में आटोमैटिक मशीनों के माध्यम से कारपेट बनाया जाता है। जो सस्ता पड़ता है। भारतीय घरेलू मार्केट में तुर्की के कारपेट की मांग में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। मशीनी कारपेट कई देशों में पंसद किया जाने लगा है। चितित कारपेट उद्यमियों ने घरेलू मार्केट की तरफ रुख करना शुरू किया है, लेकिन सस्ते कारपेट के चलते तुर्की, चीन से समक्ष टिक नहीं पा रहे हैं।
व्यापारियों का कहना है कि टेक्सटाइल में निर्यात घटने और आयात बढ़ने में यह भी एक बड़ा कारण है। चीन को हम उनकी ही टेक्नोलॉजी से मिक कंबल और थ्री-डी चादर में मात दे चुके हैं। कारपेट में भी इसे दोहराया जा सकता है। इसके लिए सरकार को आटोमैटिक मशीनों के सब्सिडी युक्त ऋण उपलब्ध कराना चाहिए। इससे यहां रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा। घरेलू मोर्चे में हम बढ़त हासिल कर सकते हैं। इसके लिए यहां आटोमैटिक मशीनें उपलब्ध होनी चाहिए। कारपेट का कारोबार असंगठित क्षेत्र में
कारपेट का कारोबार असंगठित क्षेत्र में हो रहा। पानीपत को कारपेट जोन घोषित किया जाना चाहिए। भदोई को कारपेट जोन बनाया जा चुका है। वहां इंडियन इंस्टीट्यूट कारपेट टेक्नॉलाजी की स्थापना हो चुकी है। पानीपत में इंडियन इंस्टीट्यूट कारपेट टेक्नॉलाजी (आइआइसीटी) की स्थापना की जाए। यहां के उद्योगों को स्किल्ड लेबर मिल सकेगी। प्रॉडक्ट की रिसर्च का काम हो सकेगा साथ ही न्यू टेक्नॉलाजी पर काम हो सकेगा। 'पानीपत में कारपेट उद्योगों में 20 हजार लोगों को रोजगार मिला है। घरेलू मार्केट के लिए हम विदेशों पर निर्भर हैं। नई टेक्नोलॉजी की मशीनों पर कारपेट बनने से हम विदेशों की तुलना में सस्ता कारपेट घरेलू मार्केट में मुहैया करा पाएंगे। इससे हमारी विदेश मुद्रा की बचत तो होगी ही साथ ही रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। पानीपत में आइआइटीसी की स्थापना होनी चाहिए।
अनिल मित्तल, प्रधान कारपेट मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन पानीपत