अभी मौसम का इतना तेवर तल्ख, 25 से तो नौतपा भी सताएगा, जानिए कितना पहुंचेगा तापमान
एक बार फिर से गर्मी सताने लगी है। तेज धूप और गर्म हवा की वजह से घर से बाहर निकलना मुश्किल हो रहा। वहीं 25 मई को नौतपा शुरू होने से ये तेवर और ज्यादा तल्ख होंगे।
पानीपत, जेएनएन। पिछले करीब एक हफ्ते से मौसम में बदलाव के चलते तापमान में उतार चढ़ाव से गर्मी से राहत मिली थी। अब दोबारा से मौसम के तेवर तल्ख हो गए हैं। मंगलवार सुबह से ही तेज धूप रही। गर्म हवा चली। पानीपत में अधिकतम तापमान 40 और न्यूनतम 26 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग का कहना है कि आने वाले दिनों में 42 डिग्री सेल्सियस तक तापमान पहुंच जाएगा। वहीं 25 मई से नौतपा भी शुरू हो रहे हैं। ऐसे में गर्मी अपने और ज्यादा तल्ख तेवर दिखाएगी।
गर्मी एक बार फिर प्रचंड पर है। चिलचिलाती धूप ने लोगों को परेशान किया। यमुनानगर में भी दिन में अधिकतम तापमान 40 डिग्री व न्यूनतम 24 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। भंयकर गर्मी व लू के कारण सड़कें सुनी दिखी। गर्मी का असर केवल इंसानों पर ही नहीं बल्कि पशु, पक्षियों पर भी दिखने लगा है। पशु जहां हीट स्ट्रोक बीमारी की चपेट में आ रहे हैं, वहीं पक्षी भी गर्मी सहन नहीं कर पा रहे। वे जमीन पर गिरने लगे हैं। महाराजा अग्रसेन तकनीकी एवं प्रबंधन संस्थान जगाधरी में एक तोता गर्मी सहन नहीं कर पाने के कारण जमीन पर गिर पड़ा। जहां पर संस्थान के सदस्यों ने उसे पानी पिलाया। काफी देर बाद वह उड़ सका।
नौ दिन भीषण गर्मी का करना होगा सामना
25 मई से नौतपा शुरू हो जाएगा। वैशाख माह में जहां भीषण गर्मी होती है वहीं ज्येष्ठ माह तापमान और ज्यादा बढ़ जाता है। ज्येष्ठ माह में आने वाले नौ दिन यानी नौतपा में लोगों को भीषण गर्मी का सामना करना पड़ता है।
बाजारों में चहल पहल
चुनाव के बाद बाजारों में चहल पहल तो बढ़ी है लेकिन गर्मी के चलते सुबह शाम अधिक चहल पहल रहती है। हैंडलूम व्यवसायी अनिल गुप्ता ने बताया कि छिट पुट ग्राहकी ही निकल पा रही है।
पार्कों में बढ़ी चहलकदमी
गर्मी अधिक होने के कारण सुबह शाम पार्कों में आने वालों की संख्या भी बढ़ रही है। सुबह मॉर्निंग वॉक पर भी लोग अधिक निकल रहे हैं। साढ़े छह बजे के बाद सुबह धूप तीखी होना शुरू हो जाती है।
बिजली कट बढ़े
गर्मी के साथ-साथ बिजली कट भी अधिक लगना शुरू हो गए हैं। दो से तीन घंटे के कट आम लग रहे हैं। ओवर लोड सिस्टम होने के कारण कई इलाकों में बिजली की ट्रिपिंग भी बढ़ गई है। जिससे पेयजल का संकट भी रहता है।
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