पानी से लेकर हवा दूषित, इसलिए एनजीटी ने रिफाइनरी को दिया इतना बड़ा झटका
प्रदूषण फैलाने के मामले में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने पानीपत रिफाइनरी पर 17.31 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड पानीपत रिफाइनरी पर जुर्माना लगाया।
पानीपत, जेएनएन। जल और वायु प्रदूषण के मामले में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने पानीपत रिफाइनरी पर 17.31 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। सतपाल ¨सह सरपंच ग्राम पंचायत ¨सहपुरा सिठाना बनाम इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड पानीपत रिफाइनरी के मामले की सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया गया है। 15 नवंबर 2018 से यह मामला चल रहा है।
दरअसल, जल प्रदूषण से बोहली, ददलाना, सिठाना गांव प्रभावित हैं। एनजीटी ने इसकी जांच के लिए 18 नवंबर को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) और हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एचएसपीसीबी) की संयुक्त जांच कमेटी नियुक्त की थी। कमेटी ने प्रभावित गांव के जल और वायु के सैंपल लिए थे, जो जांच में फेल पाए गए। इसके लिए आइओसीएल से छोड़े गए केमिकलयुक्त पानी को जिम्मेदार माना गया। वहीं, मामले की गंभीरता को देखते हुए उपायुक्त सुमेधा कटारिया ने भी दौरा कर स्थिति का जायजा लिया और एक्शन लेने के निर्देश दिए थे।
पौधरोपण में खर्च होगी जुर्माना राशि
पर्यावरण के हुए नुकसान को कवर करने के लिए पौधरोपण करने के साथ भूजल की मॉनीट¨रग व सुधार पर 17.31 करोड़ रुपये खर्च होंगे। यह राशि दोगुनी भी हो सकती है। इससे पहले, आइओसीएल की लापरवाही से पर्यावरण को हुए नुकसान के लिए ज्वाइंट कमेटी को तीन माह के भीतर फाइनल रिपोर्ट देनी होगी। इस रिपोर्ट के आधार पर फाइनल जुर्माना निर्धारित किया जाएगा। एनजीटी ने 14 पन्ने की रिपोर्ट जारी की है।
क्या है मामला
सिठाना के सरपंच सतपाल ने बताया कि सिठाना और बोहली गांव की दीवार रिफाइनरी से सटी हुई है। रिफाइनरी से केमिकल युक्त पानी छोड़ा गया। इससे यहां का भूजल प्रदूषित हो गया। जल प्रदूषण व वायु प्रदूषण के कारण इन गांवों के लोग बीमारियों से पीड़ित हो गए। इसके बाद मामले की शिकायत दर्ज कराई गई थी। इसी पर सुनवाई करते हुए एनजीटी ने 17.31 करोड़ का जुर्माना लगाया है। मामले की अगली सुनवाई 20 अगस्त को होगी।
क्या कहते हैं अधिकारी
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ज्वाइंट टीम ने जांच की थी। रिफाइनरी से निकलने वाले पानी के सैंपल फेल मिले। इसके आधार पर ज्वाइंट कमेटी ने कंपनसेशन की गणना की। उसी आधार पर 17.31 करोड़ रुपये का जुर्माना रिफाइनरी पर लगाया गया है।
भूपेंद्र चहल, क्षेत्रीय अधिकारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पानीपत
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