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उधार पर पानीपत को रोशन कर रहा था निगम, पैसे नहीं मिले तो कंपनी ने रोका काम

शहर में 10 हजार स्ट्रीट लाइट लगाई जानी हैं। इसके लिए नगर निगम ने 1.66 करोड़ रुपये का टेंडर लगाया था। ठेका यमुनानगर की प्राइवेट कंपनी एसआर एंटर प्राइजेज को दिया हुआ है। अब निगम की तरफ से पेमेंट नहीं हुई तो कंपनी ने काम रोक दिया।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Sun, 12 Sep 2021 05:00 PM (IST)Updated: Sun, 12 Sep 2021 05:00 PM (IST)
उधार पर पानीपत को रोशन कर रहा था निगम, पैसे नहीं मिले तो कंपनी ने रोका काम
गोदाम में स्ट्रीट लाइट को रखते हुए कर्मचारी।

पानीपत (विनोद जोशी)। शहर को रोशन करने लिए पिछले डेढ़ साल से स्ट्रीट लाइट लगाने के लिए जद्दोजहद हो रही है। शहर में 10 हजार स्ट्रीट लाइट लगाई जानी हैं। इसके लिए नगर निगम ने 1.66 करोड़ रुपये का टेंडर लगाया था। ठेका यमुनानगर की प्राइवेट कंपनी एसआर एंटर प्राइजेज को दिया हुआ है। अभी तक यह कंपनी नगर निगम पानीपत को स्ट्रीट लाइट का सामान उधार पर ही दे रही थी। अब निगम की तरफ से पेमेंट नहीं हुई तो काम रोक दिया। एक बार फिर से स्ट्रीट लाइट लगाने का काम अधर में दिखाई दे रहा है। इससे पहले भी कई बार काम बीच में रुक चुका है।

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अब तक लगाई जा चुकी हैं 3032 स्ट्रीट लाइटें

कंपनी द्वारा अब तक 3032 स्ट्रीट लाइटें लगाई जा चुकी हैं। अभी तक नगर निगम ने 1600 स्ट्रीट लाइट को वेरिफाई कर 24 लाख रुपये ही पास हुए हैं। कंपनी का कुल 75 लाख रुपये के आसपास का बिल बनता है। अभी तक 24 लाख रुपये भी नहीं मिल सके। इसके कारण अब काम को बीच में ही रोकना पड़ रहा है।

फाइलों में अटकी पेमेंट

नगर निगम द्वारा कंपनी को पेमेंट की जानी है। इसके लिए फाइल निगम के अधिकारियों के पास अटकी हुई है। निगम के कमिश्नर, एक्सईएन व एमई तक के हस्ताक्षर होने हैं। इसके बाद फिर रिपोर्ट सरकार को भेजी जाएगी। इसके बाद भी पेमेंट समय पर मिल जाए, कुछ पता नहीं।

150 से ज्यादा नई स्ट्रीट लाइट हो चुकी हैं खराब

वार्डों में लगाई जा रही नई स्ट्रीट लाइट खराब हो रही हैं। इसमें 150 से ज्यादा नई स्ट्रीट लाइट खराब हो चुकी हैं। वहीं निगम कर्मचारी कह रहे है कि कंपनी स्ट्रीट लाइटों में आए फाल्ट को ठीक करने में देरी कर रही है। इसके लिए निगम के अधिकारियों ने कंपनी को पत्र लिख चुके है। कंपनी स्पेयर पार्ट्स नहीं होने के बहाने बना रही।

पेमेंट नहीं होने के कारण रोका है काम

नगर निगम की मेयर अवनीत कौर ने जागरण से बातचीत में बताया कि कंपनी ने काम करने पर रोक लगा दी है। इसमें निगम ने 70 से 75 लाख रुपये कंपनी को देने हैं। बोला गया है कि कमिश्नर के फाइल पर हस्ताक्षर करवाकर पेमेंट करवाई जाए। इसके बाद कंपनी भी अपना काम शुरू कर देगी।


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