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पुरानी बीमारी से ग्रसित लोगों को कोरोना का अधिक खतरा, ये मरीज रहे सतर्क, जानिए क्‍या कहते हैं पानीपत के एक्‍सपर्ट

पानीपत में कोरोना संक्रमण का खतरा लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में पुरानी बीमारी से ग्रसित लोगों को सतर्क रहना होगा। टीबी दमा शुगर उच्च रक्तचाप के मरीज सचेत रहें। पुरानी बीमारियों से ग्रस्त लोगों को कोरोना का अधिक खतरा।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Sat, 17 Apr 2021 05:01 PM (IST)Updated: Sat, 17 Apr 2021 05:01 PM (IST)
पुरानी बीमारियों से ग्रसित मरीजों को सतर्क रहने की जरूरत।

पानीपत, जेएनएन। पानीपत में अभी तक कोरोना पाजिटिव 177 मरीज जान गवां चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों को देखें तो मृतकों में टीबी, दमा, सीओपीडी, शुगर, उच्च रक्तचाप और दिल के रोगी अधिक हैं। सीधा अर्थ, पुरानी बीमारियों से ग्रस्त रोगियों के लिए संक्रमण ज्यादा घातक है।

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सिविल अस्पताल के फिजिशयन कंसलटेंट डा. जितेंद्र त्यागी ने बताया कि कोरोना संक्रमण से हुई अब तक कुल मौतों की हिस्ट्री देखें तो 70 प्रतिशत मरीज शुगर-उच्च रक्तचाप से भी पीड़ित थे। पांच फीसद गुर्दाें, पांच फीसद दिल, चार फीसद टीबी, तीन फीसद लिवर, चार प्रतिशत श्वास के रोगी थे। एनिमिया, मोटापा, दिमागी बुखार और कैंसर के रोगियों की भी कोविड-19 संक्रमण से मौत हुई है। सीधा अर्थ, जिस भी व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होगी, वायरस उसे चपेट में ले लेगा। कोविड-19 की गाइडलाइन के मुताबिक अपना लाइफ स्टाइल तय करें, यही बचाव है। 45 या इससे अधिक आयु के लोग कोरोना वैक्सीन की डोज लगवाएं। दोनों डोज लगने के 14 दिन बाद शरीर में एंटी बाडी डेवलप होने लगती है।

टीका लगवाने वाला व्यक्ति कोरोना संक्रमित हो सकता है लेकिन निमोनिया नहीं होगा। फेफड़ों पर अधिक असर नहीं पड़ेगा। डा. त्यागी के मुताबिक आशंकित मरीज भी होम आइसोलेशन में रखें ताकि अन्य को संक्रमण न हो। आक्सीजन लेवल 95 से कम हो, तो भी विशेषज्ञ डाक्टर को दिखाएं।

बुखार-खांसी-दस्त को न करें नजरअंदाज

आपको बुखार, खांसी-जुकाम है तो उसे साधारण फ्लू समझने की गलती बिल्कुल न करें। ये कोरोना के लक्षण भी हो सकते हैं। दस्त भी हैं तो भी डाक्टर से परामर्श अवश्य लें। कोविड-19 टेस्ट कराएं। रिपोर्ट के अनुसार इलाज कराएं।

मरीजों को ये भी सलाह

- शुगर व उच्च रक्तचाप की जांच कराते रहें।

- हृदय रोग, लिवर-किडनी के मरीज दवा समय पर लेते रहें।

- टेलीमेडिसन के माध्यम से अपने चिकित्सक से जुड़े रहें।

- बुजुर्ग मरीज घर से बाहर टहलने से परहेज करें।

- गुनगुना पानी का सेवन करें।

- मास्क पहनें, दो गज की शारीरिक दूरी बनाए रखें।


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