Move to Jagran APP

मनरेगा मजदूरों को साढ़े तीन माह से मजदूरी का इंतजार

खंड के मनरेगा मजदूरों को साढ़े तीन माह से मजदूरी नहीं मिल रही है। फंड नहीं होने से पैसा अटका हुआ है जबकि काम भी समाप्त हो चुका है। मजदूरों को परिवार चलाने में परेशानी आ रही है। बच्चों की पढ़ाई और स्वजनों के स्वास्थ्य पर खतरा बना है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 17 Sep 2021 05:08 AM (IST)Updated: Fri, 17 Sep 2021 05:08 AM (IST)
मनरेगा मजदूरों को साढ़े तीन माह से मजदूरी का इंतजार
मनरेगा मजदूरों को साढ़े तीन माह से मजदूरी का इंतजार

जागरण संवाददाता, समालखा : खंड के मनरेगा मजदूरों को साढ़े तीन माह से मजदूरी नहीं मिल रही है। फंड नहीं होने से पैसा अटका हुआ है, जबकि काम भी समाप्त हो चुका है। मजदूरों को परिवार चलाने में परेशानी आ रही है। बच्चों की पढ़ाई और स्वजनों के स्वास्थ्य पर खतरा बना है। कोरोना काल में गरीबों के लिए मनरेगा ने संजीवनी का काम किया है। बेरोजगारों के जीवन यापन का सहारा बना है। खंड के 2000 मजदूर इससे जुड़े हैं। सभी ने वन विभाग के पेड़-पौधे लगाने, पंचायतीराज के सड़क निर्माण, रजवाहे व जोहड़ की सफाई, मिट्टी भरत आदि कामों में मेहनत की। मई के बाद फंड नहीं आने से इनकी जून से 15 सितंबर तक की पेमेंट अटकी है। पेमेंट के लिए मजदूर बीडीपीओ दफ्तर का चक्कर काट रहे हैं। उन्हें फंड आने का भरोसा दिया जा रहा है। दो हजार मजदूरों के करीब 35 लाख रुपये अटके हैं। घर के कामकाज हो रहे प्रभावित मजदूर रोशनी, संगिता, राजो, रामरति, मुन्नी, सतबीर ने बताया कि मजदूरी पर ही उनका परिवार टिका है। गुजारे के लिए आय का अन्य कोई साधन नहीं है। बच्चों की पढ़ाई और बीमारों की दवाई भी इसी पैसे से होते हैं। मजदूरी नहीं मिलने से दुकानदारों ने राशन देना कम कर दिया है। दूध वाले रोड पैसा मांगते हैं। स्कूल से भी फोन आ रहे हैं। महाजन से उधार लेकर काम चलाया जा रहा है। एबीपीओ दिनेश कुमार ने बताया कि फंड के अभाव में पेमेंट नहीं हो सकी है। प्रदेश सरकार के खाते में ही फंड नहीं पहुंची है। फंड बंटवारे के बाद ही पेमेंट संभव है। मजदूरों की दस्तावेजी कार्रवाई पूरी है। फंड आते ही खाते में पैसा डाल दिया जाएगा।

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.