पानीपत में पुरुष नसबंदी पर भ्रांतियां भारी, एक साल में 18 ही आए आगे
पुरुष नसबंदी को लेकर भ्रांतियों ने स्वास्थ्य विभाग के जागरूकता अभियान पर असर डाला है। एक साल में महज 18 लोगों ने नसबंदी कराई है। वहीं इसी समयावधि में 1351 महिलाओं ने नलबंदी कराई। दोनों ही आंकड़े लक्ष्य से काफी दूर हैं।
पानीपत, जागरण संवाददाता। जनसंख्या नियंत्रण के लिए चलाए जा रहे परिवार नियोजन कार्यक्रम का पुरुषों पर प्रभाव नहीं पड़ रहा है। एक साल में 200 पुरुषों की नसंबदी का लक्ष्य था, मात्र 18 पुरुष ही आगे आए हैं। महिलाओं की बात करें तो 2600 का लक्ष्य था,1351 महिलाएं नलबंदी करा चुकी हैं।
जागरण को स्वास्थ्य विभाग से मिले आंकड़ों के मुताबिक विगत पांच वर्षों में मात्र 438 पुरुषों ने ही नसबंदी कराई है। इसी समयावधि में 8243 महिलाएं नलबंदी करा चुकी हैं। वर्ष 1994 के आंकड़े देखें तो महिलाओं की तुलना में मात्र चार प्रतिशत पुरुष ही नसबंदी कराते हैं। 27 साल बाद भी स्थिति जस की तस है। कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा. अमित ने जागरण को बताया कि नसबंदी को लेकर पुरुषों में कई भ्रातियां हैं। कमजोरी आना, वैवाहिक जीवन प्रभावित होना इनमें मुख्य है जबकि ऐसा नहीं होता है। महिलाओं की तुलना में पुरुष नसबंदी ज्यादा सुरक्षित है। इसमें कोई चीरा या टांका नहीं लगता। इसलिए संक्रमण का कोई खतरा भी नहीं रहता है।
नोडल अधिकारी के मुताबिक पुरुष द्वारा नसबंदी कराने पर 2000 रुपये प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है। महिला को नलबंदी कराने पर 3000 रुपये दिए जाते हैं। विशेष शिविर में उपहार भी दिए जाते हैं।
साल-दर-साल नसबंदी व नलबंदी के आंकड़े
वित्तीय वर्ष नसबंदी नलबंदी
2016-2017 84 1918
2017-2018 68 2003
2018-2019 65 1915
2019-2020 203 1056
2020-2021 18 1331
परिवार नियोजन साधन लक्ष्य लक्ष्य प्राप्ति
पुरुष नसबंदी 200 18
महिला नलबंदी 2600 1351
अंतरा इंजेक्शन 480 2045
हमारा परिवार नियोजन गोली 1200 7128
प्रसव के बाद डिवाइस 7250 7956
लंबे समय के लिए डिवाइस 7250 4634
गर्भ निरोधक गोली 27000 35165
आपरेशन फेल होने पर मुआवजा
पुरुष-महिला की नसबंदी फेल होने पर 30 हजार रुपये मुआवजा दिया जाता है। आपरेशन के दौरान मौत होने पर दो लाख रुपये क्षतिपूर्ति दी जाती है।