योग से कर दिया कमाल, 8 साल के बच्चे का 800 शुगर लेवल, अब 200 पहुंचा
जींद में एलोपैथी के साथ-साथ योग के जरिए शुगर की बीमारी पर काफी हद तक सुधार हुआ। महज आठ साल के अंशुल का शुगर 800 तक पहुंच चुका था। इंसुलिन के इंजेक्शन लेने पड़ते थे। अब योग से 200 तक आया।
जींद, जागरण संवाददाता। जींद के गांव बिरौली के आठ साल के अंकुश को शुगर की बीमारी ने छोटी उम्र में बड़ा दर्द दे दिया। करीब पांच माह पहले अंशुल को इंफेक्शन के कारण बुखार हो गया था। इसके बाद उसका शुगर लेवल 800 के ऊपर पहुंच गया। अंशुल की सेहत काफी कमजोर हो गई थीं। वजन लगातार घटने लग गया था। हड्डियां दिखने लग गई थी। चलने की भी हिम्मत नहीं थी। कई महीने तक इंसुलिन के इंजेक्शन लगवाए। फिर योग की कक्षा लगानी शुरू की। अब अंशुल का शुगर लेवल 200 तक पहुंच गया है।
अंशुल के मामा दीपक कुमार ने बताया कि छह महीने पहले की बात है। अंशुल को इंफेक्शन के कारण दस्त व बुखार हो गया था। कई दिन तक बीमार रहा। दवा लेने पर पांच-छह दिन बुखार व दस्त तो ठीक हो गए, लेकिन शरीर में पहले जैसी फुर्ती नहीं रही। अंशुल हर समय थका-थका रहता था।
उसका वजन भी कम होने लग गया था। पहले सोचा कि बुखार के कारण कमजोरी आ गई थी। लेकिन जब वजन 28 किलो से घटकर 18 किलो पर आ गया तो दोबारा डाक्टर से चेक कराया। तब शुगर का लेवल 800 मिला। कई बार यह लेवल 900 को भी क्रास कर जाता था। डाक्टर ने इंसुलिन के इंजेक्शन लगाने शुरू किए। लेकिन हालत में बहुत ज्यादा सुधार नहीं हो रहा था।
तब गांव के एक व्यक्ति ने बताया कि बच्चे को योगाचार्य जोरा सिंह आर्य के पास लेकर जाओ और हर रोज योग की कक्षा लगवाओ। जोरा सिंह बताते हैं जब अंशुल पहले दिन योग की कक्षा लगाने आया, तब उसके शरीर में बहुत कमजोरी थी। धीरे-धीरे आसन करवाने शुरू किए। एक महीने में ही काफी आराम होने लग गया था। अब उसका वजन आठ किलो बढ़ गया है। सुबह-शाम दो-दो रोटी भी खाने लग गया है। अर्धमत्स्येंद्रासन, चक्रासन, हलासन, सर्वांगासन सहित कई योगासन और प्राणायाम की क्रियाएं करवाई जाती हैं।