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गवालड़ा की 500 एकड़ जगह पर लगेंगे पौधे, मंत्री कंवरपाल ने किया शुभारंभ

गांव गवालड़ा की पंचायत ने पर्यावरण संरक्षण के लिए बड़ी पहल की है। पंचायत की पांच सौ एकड़ जगह पर पौधारोपण किया जाएगा। शनिवार को वन एवं पर्यावरण मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने पौधारोपण कार्य का शुभारंभ किया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 18 Oct 2020 08:41 AM (IST)Updated: Sun, 18 Oct 2020 08:41 AM (IST)
गवालड़ा की 500 एकड़ जगह पर लगेंगे पौधे, मंत्री कंवरपाल ने किया शुभारंभ
गवालड़ा की 500 एकड़ जगह पर लगेंगे पौधे, मंत्री कंवरपाल ने किया शुभारंभ

संवाद सहयोगी, इसराना (पानीपत) : यहां के गांव गवालड़ा की पंचायत ने पर्यावरण संरक्षण के लिए बड़ी पहल की है। पंचायत की पांच सौ एकड़ जगह पर पौधारोपण किया जाएगा। शनिवार को वन एवं पर्यावरण मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने पौधारोपण कार्य का शुभारंभ किया। पौधारोपरण और रखरखाव के लिए आइओसीएल की पानीपत रिफाइनरी के कार्यकारी निदेशक जीसी सिकदर ने 7.18 करोड़ रुपये का चेक मंत्री को सौंपा। जमीन पर फलदार और औषधीय पौधे लगेंगे।

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मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि पौधारोपण सामाजिक काम है। जब आमजन पेड़-पौधों और पर्यावरण के प्रति अपना दायित्व समझेगा, तभी इस अभियान को सफल बनाया जा सकता है। जापान में कृत्रिम ऑक्सीजन इस्तेमाल किए जाने का उन्होंने उदाहरण दिया। विधायक महीपाल ढांडा ने कहा कि ऑक्सीजन की पूर्ति केवल पेड़ ही कर सकते हैं। आज पानीपत के कुछ ग्रामीण इलाकों का आलम ये है कि खेतों में भी पेड़ नजर नही आते। वन विकास निगम के चेयरमैन धर्मपाल गोंदर ने ग्रामीणों को अधिक से अधिक पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रेरित किया। रिफाइनरी के कार्यकारी निदेशक जीसी सिकदर ने कहा कि रिफाइनरी की ओर से हर संभव मदद की जाएगी।

अतिरिक्त मुख्य सचिव ने पढ़ा सीएम का संदेश

अतिरिक्त मुख्य सचिव आलोक निगम ने कार्यक्रम में नहीं पहुंच पाए मुख्यमंत्री मनोहर लाल का संदेश पढ़कर सुनाया। सीएम मनोहर लाल ने अपने संदेश में कहा है कि एक पेड़ लगाना 10 पुत्रों के फल के बराबर है। ग्राम पंचायत और ग्रामीणों के इस सहयोग के लिए सरकार की तरफ से आभार जताया। कविता और सफेद मक्खी का उदाहरण

मुझसे है सांसों की तुझमें रवानी, मैं ना रहा तो ना रहेगा पानी। मैंने दिया तुझे फल और छाया, तू अपना दायित्व समझ ही ना पाया। इस कविता के माध्यम से रंगमंचकर्मी ने आमजन को पेड़ों का महत्व समझाया। वहीं वन मंत्री ने बताया कि हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में सफेद मक्खी आने से लगभग 12 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इस मक्खी को रोकने में हर तरीका नाकामयाब रहा। शोध में पता चला कि चिड़िया की एक प्रजाति इस मक्खी को खाती थी, जो पेड़ों के कटने के कारण लुप्त होने की कगार पर है। अगर वो प्रजाति होती, तो शायद किसानों को इतना बड़ा खामियाजा ना भुगतना पड़ता। ये लोग रहे उपस्थित : कार्यक्रम में हरियाणा की प्रधान मुख्य वन संरक्षक अमरिदर कौर, भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ. अर्चना गुप्ता, कृष्ण छोक्कर, रवींद्र छोक्कर, रणदीप घनगस, जोगिदर सिंह, महुआ बासु, एसके त्रिपाठी, राकेश रोशन,एएस साहनी, वीएस रावत, एसके गुड्डू, पीसीसीएस एवं एमडी जगदीश चंद्र, ग्राम सरपंच रवीना शर्मा मौजूद रही।


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