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मिलिए श्रीकृष्ण भक्त महिला से, छत को कृष्ण वाटिका बना दिया, पौधों को रोज सुनाती हैं गीता के श्‍लोक

पानीपत की सीमा बब्‍बर का पौधों से अनोखा प्रेम। पर्यावरण के प्रति प्रेरित करने के लिए वाट्सएप पर ग्रुप भी बनाया। उनकी देखा देखी अब आसपास की महिलाओं ने छत को छोटे बगीचे में बदल दिया।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sun, 23 Aug 2020 01:33 PM (IST)Updated: Sun, 23 Aug 2020 01:34 PM (IST)
मिलिए श्रीकृष्ण भक्त महिला से, छत को कृष्ण वाटिका बना दिया, पौधों को रोज सुनाती हैं गीता के श्‍लोक
मिलिए श्रीकृष्ण भक्त महिला से, छत को कृष्ण वाटिका बना दिया, पौधों को रोज सुनाती हैं गीता के श्‍लोक

जेएनएन, पानीपत। क्या आपने कभी गमलों के सामने किसी को माथा टेकते देखा है। पानीपत की एक छत पर पौधों को देखकर लोग श्रद्धा से झुक जाते हैं। दरअसल, इस जगह का नाम ही कृष्ण वाटिका है। मॉडल टाउन की सीमा बब्बर ने घर की छत को ही वाटिका बना दिया है। कृष्ण भक्त होने के कारण उन्होंने वाटिका को कृष्ण वाटिका का नाम दिया है। वाटिका में फल और फूल वाले पेड़-पौधे हैं। इन पौधों को गीता के श्‍लोक भी सुनाती हैं।सीमा से प्रेरणा लेकर अन्य महिलाओं ने भी अपने मकानों की छत पर पेड़-पौधे उगाने शुरू कर दिए हैं। सीमा का कहना है कि कम से कम जीवन में जितनी ऑक्सीजन हम लेते हैं, उसे तो वापस करना ही चाहिए। आप भी पढ़िए ये विशेष खबर।

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सीमा बब्बर ने वर्ष 2015 में छत को वाटिका बनाना शुरू किया था। पहले घर में सामान्य तौर पर रखे जाने वाले गमले ही थे। श्रीकृष्ण भक्त सीमा ने 2015 से छत को पेड़-पौधों से सजाना शुरू किया। करीब 500 वर्गगज की छत पर इंच-इंच पर पेड़-पौधों लगे हैं। इसमें बड़े-छोटे सभी तरह के एक हजार से अधिक पौधे हैं।

पौधों को सुनाती हैं गीता के श्लोक

सीमा बब्बर की सुबह रोजाना गीता पाठ के साथ होती है। वह छत पर टहलती हुई पेड़-पौधों को गीता के श्लोक सुनाती हैं। वाटिका के बड़े गमलों में भगवान श्रीकृष्ण और भगवान शिव की मूर्ति स्थापित है, जहां वह माथा टेकतीं हैं। छत पर बना बगीचा भी आते-जाते लोगों को आकर्षित करता है। सीमा का कहना है कि पेड़-पौधे अपने भाव से अपनी स्थिति को बयां करते हैं, जिसके अनुसार उनकी देखभाल करनी होती है।

गिनती नहीं करती

सीमा कभी अपने पौधों की गिनती नहीं करती हैं। उनका मानना है कि पौधे बच्चों की तरह हैं। अधिक गर्मी और अधिक सर्दी से पौधों को नुकसान होता है। इस कारण उन्हें बचाने के लिए छांव और धूप में रखना पड़ता है। इसके अलावा आंधी से भी बड़े पेड़-पौधों को नुकसान होता है।

सोशल मीडिया से जुड़ रही महिलाएं

सीमा बब्बर ने फेसबुक और वाट्सएप पर ग्रुप बनाया हुआ है। फेसबुक दोस्त पौधों की वैैरायटी और उनकी देखभाल के संबंध में अनेक सवाल करते हैं, जिनका वह समाधान भी करती हैं। इसके अलावा उन्होंने वाट्सएप पर ग्रुप बनाया हुआ है। इस ग्रुप पर भी वह पौधों को लेकर चर्चा करती हैं।

कोलकाता, बेंगलुरु व आसाम से मंगाती हैं पौधे

सीमा ने बताया कि वह पानीपत के अलावा प्रदेश के बाहर से भी पौधे मंगाते हैं। वाट्सएप ग्रुप पर नई प्रजातियों की चर्चा के बाद उन पौधों की बेहतर वैरायटी और उचित दाम के अनुसार प्रदेशों से पौधे मंगाए जाते हैं। बल्क में पौधे मंगाने से सस्ते पड़ते हैं।

वीरान छतों पर बहार लाना है सपना

सीमा बब्बर का कहना है कि कई-कई सौ वर्गगज में फैली वीरात छतें उन्हें चुभती हैं। शहर में अधिकतर लोगों के पास छोटे मकान होते हैं। ऐसे में वह अपनी छत को वाटिका बना सकते हैं। जब वह कई-कई सौ वर्गगज की छत को वीरान देखतीं हैं तो वह चुभता है। उनका सपना हर वीरान छत पर पेड़-पौधों की बहार लाना है।


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