बिटक्वाइन की धोखाधड़ी में शामिल कई बाहुबली, हकीकत जान रह जाएंगे दंग
बिटक्वाइन धोखाधड़ी मामले में एक या दो नहीं बल्कि पूरा गिरोह काम कर रहा था। पहले ये ठगते थे, फिर बाहुबलियों से धमकी दिलाते थे। आखिर कौन हैं ये बाहुबली।
जेएनएन, पानीपत: बिटक्वाइन फ्रॉड प्रकरण में सरगना सुदेश पाल यादव बड़ा शातिर है। बाहुबलियों से उसके संबंध हैं। वह इनका इस्तेमाल भी बखूबी करता रहा है। ठगी के शिकार हुए लोगों ने सुदेश का विरोध किया तो उन्हें बाहुबलियों से धमकी दिला दी। पुलिस में न जाने की चेतावनी भी दी गई। पुलिस का तो कोई डर ही नहीं था। यही कारण रहा कि मामला दर्ज होने के बावजूद छह महीने तक पुलिस व उसके साथियों को छू तक नहीं पाई।
दिवाना गांव के प्रवीन ने बताया कि उसने अशोक के माध्यम से आठ लाख रुपये सुदेश को दिए थे। उनसे रुपये मांगे तो जिले के ही एक बाहुबली से धमकी दिला दी। शिकायतकर्ता वधावाराम कॉलोनी के राममेहर के साथ भी मारपीट की गई।
रोहतक से पहुंचे पीडि़त
बुधवार को रोहतक के दो लोग जांच अधिकारी जिला इंस्पेक्टर अशोक कुमार के कार्यालय पहुंचे। इनमें ब्राह्मणवास गांव के ब्रह्मचारी और मनोज शामलि हैं। ब्रह्मचारी ने बताया कि उसके 24 लाख रुपये सुदेश पाल ने ठग रखे हैं। मनोज से 18 लाख की ठगी की गई। इंस्पेक्टर अशोक ने बताया कि पानीपत के एक वकील के रिश्तेदार से 18 और तहसील कैंप के व्यक्ति से 18 लाख रुपये सुदेश व उसके साथियों ने ठग रखे हैं। ठगी के शिकारों की संख्या 97 पहुंच गई है। 30 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी की गई है। पुलिस का मामना है कि पानीपत में ठगी के शिकार लोगों की दो हजार से ज्यादा है। ज्यों-ज्यों जांच आगे बढ़ेगी त्यों-त्यों ठगी के शिकार लोग शामने आएंगे।
पुलिस को बरगला रहा सुदेश
रिमांड के दौरान सुदेश पाल जांच में पुलिस का सहयोग नहीं कर रहा है। वह कहता है कि उसकी कंपनी को तीन करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। उसने किसी के साथ ठगी नहीं की है। जबकि पहले सुदेश पाल लोगों के रुपये निवेश कराते समय दम भरता था कि उसकी कंपनी बंद नहीं होगी। सुदेश चार दिन की पुलिस रिमांड पर है। सुदेश ने हरियाणा के अलावा पंजाब, दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, चंडीगढ़ और गुजरात में भी ठगी कर रखी है।
आरोपित के घर पर लगा ताला।
घर पर ताला लगा है ताला, पत्नी व दो आरोपित फरार
सुदेश पाल के जींद के घर पर ताला लगा है। ठगी में शामिल उसकी पत्नी निर्मला, भाई सुंदर यादव और तहसील कैंप का कृष्ण गोपाल फरार हैं। पुलिस उनके ठिकानों पर भी छापामारी कर रही है। उनके रिश्तेदारों से भी आरोपितों का पता लगाया जा रहा है। जहां-जहां सुदेश ने फरारी काटी है उन ठिकानों का भी पुलिस पता लगा रही है।
कार्यालय का नहीं है भेद, होटलों में करता था मीटिंग
पीडि़त राममेहर ने बताया कि सुदेश पाल और उसका साथी कृष्ण गोपाल शान-ओ-शौकत से रहने का दिखावा करते थे। वे होटलों में कमरे लेकर भी रहते थे। उनके कार्यालय का पीडि़तों को भेद नहीं है। वे दोनों पानीपत में 13 महीने में करीब 20 बैठक पानीपत के थ्री स्टार होटलों में कर चुके हैं। यहीं पर लोगों को फांसा जाता था।
बैंक खातों को खंगाल रही है पुलिस
सुदेश पाल के बैंक खातों को भी पुलिस खंगाल रही है। पता लगाया जा रहा है कि उसके खातों से किन-किन लोगों के खातों में रुपये ट्रांसफर किए गए हैं। इससे सामने आएगा कि फ्रॉड करने के धंधे में और कितने लोग शामिल हैं? बताया गया है कि पंजाब में काफी रुपयों का लेनदेन हुआ है। पुलिस सतीश से मिली डायरी में नामजद लोगों का भी पता लगा रही है।
पुलिस ईमानदारी से जांच करते तो पीडि़तों को मिल सकते हैं डूबे हुए रुपये
एडवोकेट सतीश गुप्ता ने कहा कि केंद्र सरकार ने बिटक्वाइन करेंसी को अवैध माना है। इस बारे में लोगों को टीवी व समाचार पत्रों के माध्यम से भी जागरूक किया गया था। सतीश कुमार ने आनलाइन फ्रॉड किया है। पुलिस ईमानदारी व डिटेल से आरोपितों के बैंक खातों की जांच करे। इससे पता चल जाएगा कि रुपये का लेनदेन किससे किया गया है। पीडि़तों के डूबे रुपये उन्हें मिल सकते हैं।