राजनीति में पुरुष समाज का वर्चस्व है, महिला को 33 प्रतिशत प्रतिनिधित्व नहीं मिलता
27 वर्षों से राजनीति में सक्रिय शशि लूथरा का कहना है कि राजनीति में पुरुष समाज का वर्चस्व है। महिलाओं को 33 प्रतिशत प्रतिनिधित्व नहीं मिलता। वर्तमान विधानसभा चुनाव में देख लें। जिले में चार विधानसभा सीटों पर किसी भी पार्टी ने एक भी महिला को टिकट नहीं दिया गया।
जागरण संवाददाता, पानीपत : 27 वर्षों से राजनीति में सक्रिय शशि लूथरा का कहना है कि राजनीति में पुरुष समाज का वर्चस्व है। महिलाओं को 33 प्रतिशत प्रतिनिधित्व नहीं मिलता। वर्तमान विधानसभा चुनाव में देख लें। जिले में चार विधानसभा सीटों पर किसी भी पार्टी ने एक भी महिला को टिकट नहीं दिया गया। उनका नाम इस बार कांग्रेस के पैनल में था। वर्ष 2000 के चुनाव में पैनल में नाम होने के बाद टिकट नहीं मिला। उन्होंने बताया कि राजनीति में उन्होंने खोया ही खोया है, पाया कुछ नहीं। 2001 में संगठन में प्रदेश सचिव बनी शशी लूथरा 2001 में प्रदेश कांग्रेस की सचिव बनी। हुड्डा सरकार में उन्हें प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का मेंबर व समाज कल्याण बोर्ड में भी रहीं। कष्ट निवारण समिति के सदस्य पद पर भी रहीं। राजनीति में पैसा हावी लूथरा ने बताया कि राजनीति में पैसा हावी है। महिलाओं को पुरुष समाज दबाता आया है। उसे आगे नहीं बढ़ने देते। राजनीति को अपनी बपौती समझते हैं। फिर 33 प्रतिशत आरक्षण का अलाप क्यों? बहुत कम महिलाएं राजनीति में उबर पाई हैं। हमारा उद्देश्य समाज सेवा रहता है। वर्तमान में राजनीति में कुछ न मिलने पर भी समाज सेवा में ही हम लगे रहते हैं। राजनीति में आने के बाद घर में बैठ नहीं पाते। पुरुष नहीं बढ़ने देते आगे शहरी व गांव की सरकार में महिलाओं को पार्षद चुना जाता है, लेकिन काम उनके पति ही संभालते हैं। जिला परिषद हो या नगर निगम की मी¨टग सभी में पुरुष समाज ही आगे रहता है। महिलाओं को बोलने नहीं दिया जाता। चुनाव पैनल में तीन नाम थे टिकट संजय को मिला शशि अग्रवाल ने दैनिक जागरण से कहा कि चुनाव पैनल में कमल दीवान, संजय अग्रवाल सहित उनका नाम था। संजय अग्रवाल को टिकट मिला।