लोकायुक्त की टीम ने नगर पालिका कार्यालय में की छापेमारी
लोकायुक्त डीएसपी विरेंद्र की टीम ने नपा कार्यालय में छापेमारी कर भ्रष्टाचार के आरोपों से संबंधित रिकॉर्ड जब्त किए। 2 फरवरी को सुनवाई के दौरान लोकायुक्त ने सर्च वारंट जारी किया था।
पानीपत, जेएनएन। लोकायुक्त डीएसपी विरेंद्र सिंह की टीम ने नपा कार्यालय में छापेमारी कर भ्रष्टाचार के आरोपों से संबंधित रिकॉर्ड जब्त किए हैं। 2 फरवरी को सुनवाई के दौरान नपा की ओर से दस्तावेज पेश नहीं करने पर लोकायुक्त ने सर्च वारंट जारी किया था। रिकार्ड 14 मार्च को होने वाली मामले की अगली सुनवाई में पेश किया जाएगा। मामला करीब चार साल पुराना है।
यह है मामला
सूचना अधिकार कार्यकर्ता पीपी कपूर ने 24 सितंबर 2015 को लोकायुक्त को शिकायत भेजकर 13 सफाई कर्मचारियों को बगैर किसी उच्च अधिकारियों की मंजूरी से नौकरी पर रखने, 2014 में आचार संहिता के दौरान बगैर वर्क आर्डर के कस्बे में 2.38 करोड़ के 55 विकास कार्यो के टेंडर चहेतों को देने, अपने गार्डन के पांच सौ वर्ग गज का नक्शा पास कराकर 5200 वर्ग गज में निर्माण कराने की आरटीआइ से जानकारी लेकर साक्ष्य सहित सबूत भेजे थे।
एसडीएम ने की थी मामले की जांच
लोकायुक्त के आदेश पर तत्कालीन एसडीएम गौरव कुमार ने मई, 2016 में उपरोक्त मामलों की जांच की थी। चेयरमैन सहित मामले से संबंधित सभी कर्मचारियों के बयान कलमबद्ध किए थे। उनसे अपने पक्ष में दस्तावेज भी पेश करने कहा था। साथ ही तत्कालीन चेयरमैन सुमित्रा शर्मा, सचिव श्याम सुन्दर, एमई जसवंत, जेई नवीन और भवन निरीक्षक दलबीर सिंह की रिपोर्ट तैयार कर लोकायुक्त को भेजी थी। कपूर ने कहा कि जांच में सभी दोषी पाए गए थे। उनके खिलाफ कार्रवाई की भी सिफारिश की गई थी।
रिकार्ड नहीं देने पर सर्च वारंट जारी किया
कपूर पीपी कपूर ने कहा कि गत 2 फरवरी को हुई सुनवाई के दौरान नपा अधिकारी द्वारा दस्तावेज के साथ नहीं पहुंचने पर लोकायुक्त ने सर्च वारंट जारी किया था। उन्हें भी फाइल के खुर्द-बुर्द होने का अंदेशा था। वहीं डीएसपी वीरेंद्र सिंह ने कहा कि उन्होंने लोकायुक्त दफ्तर से वारंट मिलने के तुरंत बाद कार्रवाई की। अदालत के आदेश पर संबंधित रिकार्ड अपने कब्जे में लिया। सचिव प्रदीप कुमार ने कहा कि चारों मामले से संबंधित सभी उपलब्ध दस्तावेज टीम को सौंप दिए गए हैं।
साढे़ तीन घंटे चली कार्रवाई
डीएसपी की टीम 12.15 बजे के करीब नपा दफ्तर पहुंच चुकी थी। करीब साढ़े तीन घंटे तक उन्होंने संबंधित दस्तावेजों को खंगाला। नपा अधिकारियों के सामने सभी को सील किया। शाम पौने पांच बजे टीम यहां से रवाना हो गई। लोकायुक्त टीम के कार्यालय में रहने तक कर्मचारियों में हड़कंप मचा रहा। चेयरपर्सन के सचिन पति का कहना है कि सफाई कर्मियों की भर्ती का अधिकार उनके पास था। उसके समय में गार्डन का नक्शा पास नहीं हुआ। विकास कार्यो का वर्क ऑर्डर नहीं होने के कारण पेमेंट नहीं हुई तो भ्रष्टाचार किस बात का।