Lockdown में हिंद केसरी नैना ने घर को बनाया अखाड़ा, भाई को दे रहीं पटकनी
हिंद केसरी नैना ने लॉकडाउन में घर को ही अखाड़ा बना डाला है। घर में भाई को पटकनी देकर तैयारी कर रही हैं। नैना का भाई भी चैंपियन है।
पानीपत, [विजय गाहल्याण]। लॉकडाउन में घर से निकलना मना है। ऐसे में अखाड़े में अभ्यास भी मुमकिन नहीं। घर पर रहते शरीर को तंदुरुस्त रखना और भविष्य में पदक जीतना भी चुनौती है। इन तमाम मुश्किल के बावजूद छह बार हिंद केसरी का खिताब जीत चुकी और अंडर-23 एशियन कुश्ती चैंपियनशिप की स्वर्ण पदक विजेता 23 वर्षीय सुताना गांव की नैना घर में अभ्यास कर रही हैं। खुद घर से बाहर कदम नहीं रखती और स्वजनों को भी बाहर नहीं जाने देती हैं। उन्हें घर में ही कुश्ती में चुनौती दे रहे हैं राज्य स्तरीय कुश्ती चैंपियनशिप के स्वर्ण पदक विजेता छोटे भाई निखिल।
निखिल ने नैना के साथ शर्त लगाई कि उसे पुशअप और तकनीक में नहीं हरा पाएंगी। निखिल ने 300 पुशअप लगाए तो नैना ने 400 पुशअप लगाकर जीत हासिल की। घर के पार्क में कुश्ती में भी भाई को चित कर दिया। ये शह-मात का खेल एक महीने से सुबह और शाम चल रहा है। जो कि उनकी सेहत के लिए बड़ा ही फायदेमंद साबित हो रहा है।
पिता करते हैं सहयोग, मां रगड़ती है बादाम
नैना ने बताया कि वे रोहतक स्थित छोटूराम स्टेडियम में कुश्ती कोच मनदीप के पास अभ्यास करती हैं। लखनऊ इंडिया कैंप में भी उनका चयन हो रखा है। कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से वे 16 मार्च को घर लौट आई थीं। पूर्व सरपंच पिता रामकरण ने ही पहले ही डंबल और अन्य जिम का सामान खरीद रखा था। वे अभ्यास करके थक जाती हैं तो पिता मालिश करते हैं। मां बाला देवी बादाम रगड़कर खिलाकर दूध पिलाती हैं।
- नैना की सफलता
- -2019 में अंडर-23 एशियन कुश्ती चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता।
- -छह बार हिंद केसरी खिताब विजेता।
- - 2019 में ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में स्वर्ण पदक जीता। इसी प्रतियोगिता में पहले दो स्वर्ण और एक कांस्य पदक जीता।
- - नेशनल जूनियर और अंडर-23 कुश्ती प्रतियोगिता में तीन स्वर्ण, दो रजत और तीन कांस्य पदक जीते।
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