Lockdown : कोई अस्थियां विसर्जन तो कोई परिवार को घर लाने को पुलिस से मांग रहा पास
लॉकडाउन के चलते लोगों को तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन वह बेबस हैं क्योंकि कोई दूसरा रास्ता भी तो नहीं है। अंबाला में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला।
अंबाला, जेएनएन। लॉकडाउन के चलते लोगों को तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन वह बेबस हैं क्योंकि कोई दूसरा रास्ता भी तो नहीं है। कोई अपनो की अस्थियां विसर्जन के लिए पुलिस थानों के चक्कर काट रहा है तो कोई अपने परिवार को हर लाने के लिए। महेशनगर, पड़ाव और अंबाला कैंट थाने में तमाम लोग पुलिस पास के लिए फरियाद कर रहे हैं। लेकिन पुलिस ऑनलाइन आवेदन करने की सलाह दे रही हैं। लोगों ने परमिसन पास के लिए ऑनलाइन आवेदन भी किए। लेकिन फिर भी समय से उनके पास नहीं बन पा रहे हैं। ऐसे में वह बहुत ङ्क्षचतित हैं।
पहले मैनुअल अब ऑनलाइन बन रहे अनुमति पास
लॉकडाउन में अगर किसी को इमरजेंसी में जाना पड़ रहा है तो उसको पहले संबंधित थाने से परमिसन लेनी होती है। पुलिस ने लोगों की समस्याओं को देखते हुए प्रार्थना पत्र पर हस्ताक्षर और थाने की मुहर लगाकर दें दिए। लेकिन अब सख्ती कर दी गई। सीधा अब ऊपर से मोनिटङ्क्षरग होने लगी। अब पास के लिए ऑनलाइन आवेदन किए जा रहे हैं।
केस नंबर-1
छावनी के कुम्हार मंडी में बंशी लाल परिवार के साथ रहता है। वह कुछ दिनों से बीमार चल रहा था। बीमारी के चलते 18 मार्च को बंशीलाल की मौत हो गई थी। जबकि बंशीलाल के कोई बेटा नहीं है और एक बेटी है। जिसकी शादी कर दी। बंशीलाल की अस्थियां विसर्जन के लिए भाई पन्ना लाल को हरिद्वार जाना है। वह अपने रिश्तेदारों के साथ लुधियाना से पुलिस से परमिसन लेने के लिए आया। अंबाला कैंट थाने में प्रार्थना पत्र भी दिया। लेकिन पुलिस ने ऑनलाइन आवेदन के लिए बोला। ऑनलाइन आवेदन के बाद भी लोगों को हरिद्वार जाने के लिए पास नहीं मिल सका।
केस नंबर-2
महेशनगर में गुरदीप परिवार के साथ रहता है। लॉकडाउन से पहले पत्नी और बच्चे यमुनानगर रिश्तेदार के घर पर गए थे। लेकिन गुरदीप के पास बच्चों के हर वापस आने के लिए $फोन भी आ रहे हैं। गुरदीप ने बताया कि थाने में बच्चों को लाने के प्रार्थना पत्र दिया। लेकिन पुलिस ने मना कर दिया। ऐसे में बच्चों की काफी ङ्क्षचता हो रही है।