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Lockdown 3.0 : हजारों किमी की दूरी तय कर 23 बच्‍चे पहुंचे करनाल, सभी क्‍वारंटाइन

केरल के त्रिवेंद्रम के जवाहर नवोदय विद्यालय के 23 विद्यार्थी करनाल लौटे हैं। सभी की जांच की गई। सभी स्‍वस्‍थ्‍य है। इस वजह स्‍वास्‍थ्‍य विभाग ने सभी को क्‍वारंटाइन कर दिया है।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Mon, 11 May 2020 01:35 PM (IST)Updated: Mon, 11 May 2020 01:35 PM (IST)
Lockdown 3.0 : हजारों किमी की दूरी तय कर 23 बच्‍चे पहुंचे करनाल, सभी क्‍वारंटाइन

पानीपत/करनाल, जेएनएन। जवाहर नवोदय विद्यालय सग्गा के 23 बच्चों की रोडवेज बस से चार दिन की यात्र के बाद त्रिवेंद्रम (केरल) से घर वापसी हो गई है। मेडिकल जांच में सभी बच्चे स्वस्थ पाए गए हैं और सभी को 14 दिन क्वारंटाइन में रहने के निर्देश दिए गए हैं।

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शनिवार रात पहुंचे बच्चों में 14 लड़के और नौ लड़कियां हैं, जो स्कूल के एक्सचेंज कार्यक्रम के तहत त्रिवेंद्रम में एक साल के लिए पढ़ाई करने गए थे। मार्च में सेशन खत्म होने के बाद सभी को करनाल वापसी करनी थी, लेकिन अचानक लॉकडाउन की घोषणा के बाद आवाजाही बंद होने पर मजबूरन वहीं पर रूकना पड़ा। इसी प्रोग्राम के तहत सग्गा में रह रहें त्रिवेंद्रम के 22 बच्चे (10 लड़के व 12 लड़कियों) की भी वापसी करवा दी गई है।

1800 किलोमीटर बस का सफर 

प्रिंसिपल जसराम सिंह यादव ने बताया कि छह मई बुधवार को सुबह सग्गा से त्रिवेंद्रम के बच्चों को लेकर हरियाणा रोडवेज की बस निकली थी। 1800 किलोमीटर दूर तेलगांना स्थित नवोदय विद्यालय में केंद्र बनाया गया था। दोनों केंद्रों के बच्चों को बसों के माध्यम से यहां पहुंचना था। अधिक दूरी होने के कारण रास्ते में नवोदय विद्यालयों के प्रबंधकों की मदद से बच्चों को खान-पान की सुविधा उपलब्ध करवाई गई। बीकर में ब्रेक लेने के बाद तेलगाना पहुंचे। त्रिवेंद्रम विद्यालय की तरफ से विद्यालय के बच्चे बस से पहुंचे थे और दोनों तरफ के रूट से बच्चों की घर वापसी करवाई गई। उपायुक्त निशांत कुमार ने बताया कि जवाहर नवोदय विद्यालय सग्गा के बच्चों की वापसी के लिए रोडवेज की बस के साथ स्कूल प्रबंधन व प्रशासन की तरफ से दो कर्मचारी भेजे गए थे ताकि रास्ते में किसी तरह की परेशानी न हो। सभी बच्चों को सकुशल स्कूल पहुंचा दिया है।

डेढ़ माह से 3300 किमी दूर रहना मजबूरी

ये बच्चे जुलाई-2019 में पढ़ने के लिए केरल के त्रिवेंद्रम पढ़ने गए थे और अक्टूबर में छुट्टियों के चलते अभिभावकों के साथ रहकर फिर वापिस चले गए थे। स्कूल की नीतियों के तहत प्रत्येक वर्ष नवोदय के बच्चे अलग-अलग केंद्रों में पढ़ाई के लिए एक्सचेंज कार्यक्रम के तहत जाते हैं। सग्गा के बच्चे अगर त्रिवेंद्रम गए थे तो त्रिवेंद्रम के 22 बच्चे सग्गा के स्कूल में रह रहे थे। लॉकडाउन के चलते दोनों तरफ के बच्चों के अभिभावकों में चिंता थी। 3300 किलोमीटर दूर रह रहे छात्र-छात्रओं ने बताया कि घर पर मोबाइल फोन से बात हो जाती थी, लेकिन सेशन खत्म होने के बाद बिना कारण रहना मुश्किल हो रहा था। स्वजनों सहित शिक्षकों ने हिम्मत बांधे रखी लेकिन बार-बार घर आने की इच्छा सता रही थी।


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