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अवैध संबंधों का ऐसा नशा चढ़ा कि खून का रिश्‍ता भूल बैठा, भाई को ही मार डाला Panipat News

अंबाला में अवैध संबंध के चलते प्रेमिका के साथ मिलकर ताऊ के बेटे का गला घोंट दिया। कोर्ट ने दोनों को उम्र कैद की सजा सुनाई है।

By Edited By: Published: Tue, 03 Sep 2019 06:40 AM (IST)Updated: Tue, 03 Sep 2019 09:56 AM (IST)
अवैध संबंधों का ऐसा नशा चढ़ा कि खून का रिश्‍ता भूल बैठा, भाई को ही मार डाला Panipat News

पानीपत/अंबाला, जेएनएन। अवैध संबंधों का ऐसा नशा चढ़ा कि चचेरे भाई ने अपने ही ताऊ के बेटे की गला घोंटकर हत्या कर दी। इस हत्याकांड में एक महिला ने भी उसका साथ दिया। करीब तीन साल पुराने इस हत्याकांड में शामिल दोनों दोषियों को अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। जिला अतिरिक्त सेशन जज अजय कुमार शारदा की अदालत ने दोनों पर 25-25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना नहीं देने पर दोनों को एक-एक साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी।

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अदालत ने यमुनानगर रादौर के गांव काबुलपुर निवासी हरविंद्र और महिला को 29 अगस्त को ही दोषी करार दे दिया था। हत्यारे चचेरे भाई ने ही घरवालों को दी सूचना यमुनानगर के रादौर गांव काबुलपुर निवासी किसान रणजीत सिंह ने 26 मार्च 2016 को बराड़ा थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। रणजीत के मुताबिक, 25 वर्षीय उनका सबसे छोटा बेटा परमिंद्र उर्फ शैंकी टाटा डोकोमो के मोबाइल टॉवर स्टेशन पर नौकरी करता था।

25 मार्च को उसने पिता रणजीत को बताया कि उसे कंपनी के गांव बाड़ी माजरी के टॉवर स्टेशन पर जाना है और घर से चला गया। कुछ घंटे बाद रणजीत के भतीजे हरजिंद्र पुत्र गुरमीत सिंह ने फोन करके बताया कि अधोया में उसके मामा के ट्यूबवेल पर परमिंद्र ने फांसी लगा ली है। रणजीत व अन्य परिवार के लोग घटनास्थल पर पहुंचे तो परविंद्र वहां सीढि़यों पर मृत पड़ा था। शव को वापस काबुलपुर लाया गया और मामले की सूचना पुलिस चौकी खेड़ी लक्खा सिंह में दी।

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और अन्य सुबूतों ने खोल दी पोल
पोस्टमॉर्टम के बाद मामले में नया मोड़ आ गया। मेडिकल रिपोर्ट में पता चला कि परमिंद्र ने आत्महत्या नहीं की थी, उसकी गला घोंट कर हत्या की गई थी। इसके बाद, पुलिस ने मौका ए वारदात की छानबीन की और सुबूत जुटाए। यहां से एक महिला के सूट के सितारे, बाल, बीड़ी के टुकड़े और दरी मिली। इन सुबूतों को जांच के लिए एफएसएल में भेजा गया। साथ ही कॉल डिटेल निकाली गई। इस छानबीन के दौरान पता चला कि परविंद्र का एक महिला के साथ संबंध था। बाद में उक्त महिला का परविंद्र के चचेरे भाई हरजिंद्र से भी संबंध हो गया। प्रेम त्रिकोण का यह मामला ही बाद में विवाद की जड़ बन गया। इसी बात को लेकर हुए झगड़े में हरजिंद्र और महिला ने परविंद्र को गला घोंटकर मार डाला।

26 गवाहियां हुई
इसके बाद, आरोपित हरजिंद्र सिंह और आरोपित महिला पर हत्या का मुकदमा दर्ज करते हुए गिरफ्तार कर लिया गया। अदालत में कुल 26 गवाहियां हुई। इनमें डॉक्टर, पुलिस, एफएसएल, नोडल अफसर भी शामिल थे। इसके बाद, अदालत ने धारा-302 और 34 के तहत हरजिंद्र सिंह और दोषी महिला को उम्रकैद की कैद और 25 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुना दी।


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