कैप्टन पिता की पारी खत्म हुई तो लेफ्टीनेंट प्रीति ने की ओप¨नग
भारतीय थल सेना के अदम्य साहस की जब-जब बात होती है तो सैनिकों की सूची में पुरुष ही होते हैं लेकिन अब देश की बेटियां भी दुश्मन से दो-दो हाथ करने को तैयार हैं। ¨बझौल निवासी कैप्टन पिता की लाडली बेटी प्रीति चौधरी तमाम उन लड़कियों के लिए प्रेरणा हैं, जिनके दिल में सेना में भर्ती होने का जज्बा है।
जागरण संवाददाता, पानीपत : भारतीय थल सेना के अदम्य साहस की जब-जब बात होती है तो सैनिकों की सूची में पुरुष ही होते हैं लेकिन अब देश की बेटियां भी दुश्मन से दो-दो हाथ करने को तैयार हैं। ¨बझौल निवासी कैप्टन पिता की लाडली बेटी प्रीति चौधरी तमाम उन लड़कियों के लिए प्रेरणा हैं, जिनके दिल में सेना में भर्ती होने का जज्बा है।
प्रीति को ट्रे¨नग के दौरान 250 ट्रेनी के बैच में प्रथम स्थान और देश की तीसरी महिला स्वोर्ड ऑफ ऑनर विजेता बनने का गौरव हासिल है। अभी वह ओड़िशा के गोपालपुर में यंग ऑफिसर की ट्रे¨नग ले रही है।
18 अक्टूबर 1995 को जन्मी प्रीति चौधरी के पिता इंद्र¨सह आर्मी से रिटायर्ड हैं। मां सुनीता देवी शिक्षिका हैं और तथास्तु चैरिटेबल नाम से एनजीओ चलाती हैं। प्रारंभिक शिक्षा आर्मी स्कूल जोधपुर में हुई। कक्षा 2 से 5 तक की पढ़ाई पानीपत के ¨कडर किन पब्लिक स्कूल से पूरी की। कक्षा 6 से 7 तक कांवेंट स्कूल रुड़की, कक्षा 8 से 10 तक आमी पब्लिक स्कूल पुणे तथा प्लस टू आर्मी पब्लिक स्कूल, चंडी मंदिर चंड़ीगढ़ से प्राप्त की। कॉलेज की पढ़ाई पीजीजीसीजी चंडीगढ़ में हुई है।
पिता को आर्मी की ड्रैस में देख वह भी उनके नक्शे कदम पर चलना चाहती थी। उसने एनसीसी एयर ¨वग ज्वाइन की और वर्ष 2016 में दिल्ली में गणतंत्र दिवस समारोह में हरियाणा टुकड़ी में शामिल हुईं। देश की बेस्ट 144 लड़कियों में उन्हें ऑल इंडिया बेस्ट कैडेट चुना गया और तत्कालीन प्रधानमंत्री से सम्मान मिला। इसके बाद प्रीति का बेंगलुरू में साक्षात्कार हुआ और वह चुनी गई। 1 अप्रैल 2017 को उन्होंने बतौर ट्रेनी अफसर चेन्नई स्थित ट्रे¨नग एकेडमी ज्वाइन की। सेना में ट्रे¨नग के दौरान 250 युवाओं के बैच में उसने प्रथम स्थान प्राप्त किया। मार्च 2018 में उन्हें स्वोर्ड ऑफ ऑनर से नवाजा गया। यह उपलब्धि हासिल करने वाली प्रीति देश की तीसरी महिला है। इससे पहले मेजर दिव्या और कैप्टन अंजना ने यह गौरव हासिल किया है।
इंद्र ¨सह ने कहा कि उनकी बेटी बचपन से ही मजबूत इरादों वाली है। मां सुनीता ने कहा कि यह मेरे लिए खुशी की बात है कि पति सेना से सेवानिवृत्त हुए और बेटी ने आर्मी ज्वाइन कर ली।