नहीं बदली किंवदंती, हारे दो परिवहन मंत्री
विधानसभा पहुंचकर जो भी विधायक परिवहन मंत्री बने चुनाव हार गए। परिवहन मंत्री बनना विधायक के लिए ठीक नहीं जाता है। ऐसा इस बार के चुनाव में भी हुआ है।
विजय गाहल्याण, पानीपत विधानसभा पहुंचकर जो भी विधायक परिवहन मंत्री बने, चुनाव हार गए। परिवहन मंत्री बनना विधायक के लिए ठीक नहीं जाता है। ऐसा इस बार के चुनाव में भी हुआ है। इसराना विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के प्रत्याशी परिवहन मंत्री कृष्ण लाल पंवार को कांग्रेस के ग्वालड़ा गांव के सरपंच रहे बलबीर वाल्मीकि ने हराया। वहीं पानीपत ग्रामीण से कांग्रेस से चुनाव लड़ रहे पूर्व परिवहन मंत्री ओमप्रकाश जैन भी हार गए। उन्हें भाजपा के महीपाल ढांडा ने हराया। जैन पहली बार किसी पार्टी के चुनाव निशान पर लड़ रहे थे। वे दो बार निर्दलीय जीते थे। इस बार संयोग बना कि एक विधानसभा क्षेत्र के दो गांवों के दो विधायक बने हैं। विधायक महीपाल ढांडा का पैतृक गांव कवी इसराना विधानसभा क्षेत्र में है।
पोते पर भारी पड़े दादा
भाजपा के महीपाल ढांडा का ननिहाल सिवाह गांव में है। जजपा के प्रत्याशी देवेंद्र कादियान भी इसी के निवासी हैं। ढांडा रिश्ते में कादियान के दादा हैं। इस चुनाव में पानीपत ग्रामीण विधानसभा सीट पर दादा ढांडा ने पोते देवेंद्र को हरा दिया।
पुलिसकर्मी दूसरी बार बने विधायक
समालखा विधानसभा क्षेत्र में वकीलों की चौधर रही है। यहां से एडवोकेट रणधीर सिंह, एडवोकेट कटार सिंह, एडवोकेट मूलचंद और एडवोकेट सचदेव त्यागी विजयी रहे हैं। करतार सिंह भड़ाना लगातार दो बार विधायक चुने गए। पुलिसकर्मी रविद्र मच्छरौली भी विधायक रहे। पुलिसकर्मी रहे धर्म सिंह छौक्कर दूसरी बार विधायक चुने गए। छौक्कर ने प्रॉपर्टी व्यवसायी शशिकांत कौशिक को हराया।