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केजी टू पीजी प्रणाली को लागू करने वाला कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय बना पहला संस्‍थान, जानिए इसका फायदा

हरियाणा का कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय नई शिक्षा नीति 2020 के तहत केजी टू पीजी योजना सत्र 2021-22 से लागू करने जा रहा है। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय इस योजना को लागू करने वाला पहला संस्‍थान होगा। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसकी तैयारी भी पूरी कर ली है।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Wed, 14 Jul 2021 09:56 AM (IST)Updated: Wed, 14 Jul 2021 09:56 AM (IST)
केजी टू पीजी प्रणाली को लागू करने वाला कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय बना पहला संस्‍थान, जानिए इसका फायदा
केजी टू पीजी योजना सत्र 2021-22 कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में लागू।

कुरुक्षेत्र, जागरण संवाददाता। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय नई शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन के लिए आगे आ गया है। कुवि ने केजी टू पीजी स्कीम के तहत सत्र 2021-22 में दाखिले करने का फैसला लिया है और इसके लिए तैयारी पूरी कर ली है। यानि अब एक ही छत के नीचे केजी से पीजी कक्षा तक की शिक्षा दी जाएगी। इसके साथ कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय इस प्रणाली को अपनाने वाला पहला विश्वविद्यालय बन गया है।

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कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि 2022 से यूजी और पीजी कार्यक्रमों में एनईपी को लागू करने के लिए रोडमैप तैयार कर लिया है। केयू की कार्यकारी परिषद ने पहले ही संस्थागत विकास योजना को मंजूरी दे दी है और प्रदेश सरकार को इसकी ढांचागत रूपरेखा सौंप दी है। उन्होंने बताया कि नई शिक्षा नीति को लेकर प्रदेश सरकार और उच्चतर शिक्षा निदेशालय के साथ कई महत्वपूर्ण बैठक भी हो चुकी हैं। कुवि एनईपी 2020 की अवधारणा, विकास योजना और कार्यान्वयन कार्यक्रम तैयार करने में राज्य में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।

माडल स्कूल की 15 फीसद सीट रिजर्व

डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रो. मंजुला चौधरी ने बताया कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा के निर्देशानुसार गठित कमेटी की 16 जून को आनलाइन बैठक हुई थी। इसमें यूजी, यूटीडी व संस्थान के चलाए जा रहे इंटीग्रेटेड कोर्सों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के इच्छुक विश्वविद्यालय परिसर स्थित यूनिवर्सिटी सीनियर सेकेंडरी माडल स्कूल के छात्रों के लिए 15 फीसद सीटों का प्रविधान किया गया है। विदित है कि 28 अप्रैल को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की कार्यकारिणी परिषद में नई शिक्षा नीति 2020 के तहत केजी टू पीजी योजना के लिए कार्यान्वयन लिए गठित कमेटी की सिफारिशों को मंजूरी प्रदान की गई थी।

दो साल का अध्ययन जरूरी

प्रो. मंजुला चौधरी ने बताया कि यूटीडी व संस्थानों में यूजी और एकीकृत पाठ्यक्रमों में 15 फीसद अतिरिक्त सीट (रेगुलेट्री बोर्ड द्वारा अनुमति नहीं दी गए कोर्स को छोड़कर), यूनिवर्सिटी सीनियर सेकेंडरी माडल स्कूल के छात्रों को दी जाएंगी। किसी पाठ्यक्रम में अधिसंख्य सीटों पर प्रवेश विश्वविद्यालय विवरणिका में दिए गए पाठ्यक्रम के लिए निर्धारित पात्रता मानदंड के अनुसार किया जाएगा। केजी से पीजी योजना के तहत यूजी पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए प्री-कंडीशन रखी गई है। इसमें यूनिवर्सिटी सीनियर सेकेंडरी माडल स्कूल में अध्ययन करने वाले उम्मीदवारों को योजना के तहत यूजी पाठ्यक्रमों में प्रवेश दिया जाएगा। इसमें शर्ते रखी है कि योग्यता परीक्षा यूनिवर्सिटी स्कूल से उत्तीर्ण की गई हो और छात्र ने यूनिवर्सिटी स्कूल में न्यूनतम दो साल की अवधि के लिए अध्ययन किया हो।

योग्यता सूची अलग से होगी तैयार

योजना के तहत अलग-अलग आवेदन किए जाएंगे और विश्वविद्यालय के यूनिवर्सिटी सीनियर सेकेंडरी माडल स्कूल में एक वर्ष का आधा अंक दिया जाएगा। शिक्षा के आधार पर योग्यता परीक्षा में एक अलग योग्यता सूची तैयार की जाएगी। इस श्रेणी में छात्रों की अनुपलब्धता की स्थिति में अन्य श्रेणियों के उम्मीदवारों को इसके तहत दाखिला नहीं दिया जाएगा।


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