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Kurukshetra Saharanpur Road: फोरलेन तो दूर, बरम भी नहीं दुरस्त, हर दिन हो रहे हादसे

सहारनपुर-कुरुक्षेत्र रोड पर सफर करना अब किसी खतरे से कम नहीं है। यहां आए दिन हादसे हो रहे हैं। हालांकि मार्ग को फोरलेन किए जाने की योजना है लेकिन फिलहाल अधिकारी इसकी बरम भी दुरुस्त नहीं करवा पा रहे हैं।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Mon, 20 Sep 2021 03:18 PM (IST)Updated: Mon, 20 Sep 2021 03:18 PM (IST)
Kurukshetra Saharanpur Road: फोरलेन तो दूर, बरम भी नहीं दुरस्त, हर दिन हो रहे हादसे
हादसों को न्योता दे रहा है सहारनपुर-कुरुक्षेत्र रोड।

यमुनानगर, जागरण संवाददाता। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब व उत्तराखंड को जोड़ रहा सहारनपुर-कुरुक्षेत्र रोड पर सफर रिस्की हो गया है। हर दिन हादसे हो रहे हैं। हालांकि मार्ग को फोरलेन किए जाने की योजना है, लेकिन फिलहाल अधिकारी इसकी बरम भी दुरुस्त नहीं करवा पा रहे हैं। पहले से ही संकरे इस मार्ग पर दोनों साइड पेड़ व झाड़ियां होने से और भी संकरा हो गया है। सड़क से वाहन के उतरने का मतलब हादसा है। रोड सेफ्टी की बैठक पर हर बार इसका मुद्दा उठता है, बावजूद इसके अधिकारी हादसों की वजह को दूर नहीं करवा पा रहे हैं। शायद ही कोई दिन ऐसा बीतता है जिस दिन यहां हादसा न होता हो। चार दिन में चार मौतें इस मार्ग पर हो चुकी हैं। हादसोें में घायल होने वालों का आंकड़ा अलग है। रादौर से लेकर यमुनानगर के जोड़ियों नाके तक 20 किलोमीटर मार्ग पर 43 करोड़ रुपये खर्च किए जाने की योजना है। 

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सड़क तक खड़े पेड़

हमीदा जोड़ियों से लेकर रादौर जेएमआइटी तक कई जगह दोनों किनारों पर पेड़ व झाड़ियां सड़क तक आ गई। कई जगह हालात काफी खराब हैं। वाहन चालक चाहकर भी सड़क से वाहन नीचे नहीं उतार सकता। दिनरात वाहनों का तांता लगा रहता है। ऐसी स्थिति में हादसे की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। हमीदा जोड़ियों से लेकर विश्वकर्मा चौक तक डिवाइडर कई जगह से टूट कर बिखर गया है। 

यह भी खामियां 

इस मार्ग पर प्लाईवुड सहित अन्य कई औद्योगिक इकाइयां भी हैं। जहां-जहां ये इकाइयां हैं, वहां सड़क की स्थिति भी खराब है। क्योंकि इनका पानी सड़क पर छोड़ा जाता है। दामला में हालात अधिक खराब देखे जा रहे हैं। जहां टोल बैरियर होता था, वहां सड़क पर औद्योगिक इकाइयों का पानी बह रहा है। जिसके कारण सड़क टूट चुकी है। ऐसे ही हालात जोड़ियों के पास भी हैं। कई जगह गड्ढे हो चुके हैं। सड़क की मरम्मत तक नहीं की जा रही है।

फोरलेन करने की योजना

सांगीपुर नाके से यमुनानगर जिले की सीमा शुरू हो जाती है। दो किलोमीटर रादौर और दो किलोमीटर यमुनानगर क्षेत्र में पहले से ही यह मार्ग फोरलेन है। इस मार्ग की लंबाई करीब 20 किलोमीटर है। फिलहाल इसकी चौड़ाई 33 फिट है, लेकिन फोरलेन बनने के बाद बढ़कर 55 फिट किए जाने की योजना है। 

भारी वाहनों की आवाजाही

यमुनानगर  पीडब्लयूडी के एक्सईएन राज कुमार ने बताया कि कई राज्यों से जुड़ाव के कारण इस मार्ग पर वाहनों का दबाव ज्यादा है। दूसरा, यमुनानगर में खनन जोन की वजह से रेत व बजरी से भरे वाहनों की आवाजाही अधिक रहती है। जिसके कारण जाम लगना आम है। दूसरा, सड़क दुर्घटनाओं का ग्राफ भी बढ़ रहा है। रोकथाम के लिए किए जा रहे प्रयास बेअसर साबित हो रहे हैं।

रादौर से लेकर यमुनानगर तक कई गांव भी इस रोड पर बसे हैं। इन गांवों के पास सड़क अधिक संकरी हो जाती है। एसरोड को फोरलेन किए जाने की योजना है। इस पर काम चल रहा है। यह प्रोजेक्ट एचएसआरडीसी के पास है। फिलहाल जहां खामियां हैं, उनको दूर करवा दिया जाएगा।

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