Move to Jagran APP

Kisan Andolan: हिसार के हांसी में 19 काे धरना देने पहुंचेंगे किसान, संंयुक्‍त मोर्चा की भूमिका पर उठे सवाल

Kisan Andolan जींद में किसान पंचायत शुरू हो चुकी है। बैठक में किसान नेता 26 नवंबर को दिल्ली आंदोलन में किसानों की संख्या बढ़ाने पर मंथन कर रहे हैं। बैठक में फैसला लिया गया है कि गांव-गांव से दोबारा किसानों को दिल्ली बार्डरों पर भेजने की अपील की जाएगी।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Tue, 16 Nov 2021 10:09 AM (IST)Updated: Tue, 16 Nov 2021 11:57 PM (IST)
Kisan Andolan: हिसार के हांसी में 19 काे धरना देने पहुंचेंगे किसान, संंयुक्‍त मोर्चा की भूमिका पर उठे सवाल
हरियाणा के जींद में किसानों पंचायत हो रही है।

जींद, जागरण संवाददाता। संयुक्त किसान मोर्चा हरियाणा के तत्वावधान में मंगलवार को जींद की अर्बन एस्टेट स्थित जाट धर्मशाला में प्रदेश स्तरीय किसान पंचायत हुई। इस पंचायत में 20 किसान संगठनों के प्रतिनिधि ने भाग लिया। प्रत्येक किसान संगठन को 100 डेलिगेट लाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन को और मजबूती देने के लिए किसान अधिवेशन बुलाया गया था।

loksabha election banner

कुलदीप राणा के घायल होने के मामले में एफआइआर दर्ज नहीं होने के विरोध में हांसी में चल रहे धरने पर 19 नवंबर को प्रदेशभर से किसान पहुंचेंगे। जींद में हुए संयुक्त किसान मोर्चा हरियाणा के किसान सम्मेलन में फैसला लिया गया कि जब तक प्रशासन मामला दर्ज कर नहीं करता, तब तक किसान धरने पर बैठे रहेंगे।

पंचायत में पहुंचे आंदोलनकारी युवा किसानों और महिलाओं ने हांसी एसपी कार्यालय के सामने 12 दिन से चल रहे धरने पर संयुक्त किसान माेर्चा से जुड़े नेताओं के नहीं पहुंचने पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि करनाल में संयुक्त किसान मोर्चा के एक बुलावे पर प्रदेशभर से हजारों किसान पहुंचे थे। वहीं हिसार में भी प्रदेशभर से किसान पहुंचे थे, जिससे सरकार को उनकी मांगें माननी पड़ी थी।

नारनौंद में राज्यसभा सदस्य रामचंद्र जांगड़ा के कार्यक्रम का विरोध भी संयुक्त किसान मोर्चा के फैसले अनुसार ही करने के लिए किसान पहुंचे थे। जिसमें कुलदीप राणा गंभीर रूप से घायल हो गया था। जो अब भी अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा है। इस मामले में आरोपितों के खिलाफ एफआइआर तक प्रशासन ने दर्ज नहीं की। मामले में कार्रवाई की मांग को लेकर 12 दिन से हांसी में धरना चल रहा है। लेकिन वहां किसानाें की संख्या कम होने के कारण प्रशासन सुनवाई नहीं कर रहा।

महिला वक्ता ने कहा कि अगर संयुक्त मोर्चा हांसी धरने पर नहीं पहुंचता, तो भाजपा और संयुक्त मोर्चा में कोई फर्क नहीं रह जाएगा। कुछ युवा किसानों ने कहा कि दिल्ली बार्डर धरनों पर जाने का फैसला बाद में लिया जाए, पहले कुलदीप राणा को न्याय दिलाया जाए, चाहे इसके लिए पूरा हरियाणा में चक्का जाम करना पड़े। खरकरामजी गांव की पूर्व सरपंच कविता गोयत ने कहा कि हांसी में भीड़ बढ़ाओ। 11 महीने से झंडा उठा रहे हो। करनाल में इकट्ठे हुए थे, हांसी में क्यों नहीं। पहले हांसी का फैसला होना चाहिए। अलग-अलग झंडे और डंडों की बजाय सभी को तिरंगे के नीचे आकर लड़ी जानी चाहिए।

संयुक्त किसान मोर्चा हरियाणा के नेताओं ने आंदोलन का नेतृत्व कर रहे नेताओं का बचाव करते हुए कहा कि ये सम्मेलन सुझाव लेने के लिए ही बुलाया गया था। वक्ताओं ने जो भी कहा, वो आंदोलन की मजबूती के लिए है। ये आंदोलन सिर्फ जींद, हिसार और हरियाणा का नहीं, बल्कि पूरे देश का है। देश का किसान एकजुट है। सम्मेलन में भाकियू (टिकैत) प्रदेशाध्यक्ष रतन सिंह मान, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामफल कंडेला, दादरी से निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान कामरेड इंद्रजीत, सुरेश कोथ, अभिमन्यु कोहाड़, कामरेड फूल सिंह श्योकंद व अन्य नेता पहुंचे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.