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किसान आंदोलन स्थगित, संयुक्‍त किसान मोर्चे के फैसले के बाद यमुनानगर टोल बैरियर से भी घर वापसी

किसान आंदोलन स्‍थगित कर दिया गया है। संयुक्‍त किसान मोर्चे के फैसले के बाद सभी टोल प्‍लाजा पर चल रहे धरने को भी खत्‍म करने का फैसला ले लिया गया है। ढोल नगाड़ों के साथ किसान घर वापसी करेंगे।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Thu, 09 Dec 2021 05:53 PM (IST)Updated: Thu, 09 Dec 2021 05:53 PM (IST)
किसान आंदोलन स्थगित, संयुक्‍त किसान मोर्चे के फैसले के बाद यमुनानगर टोल बैरियर से भी घर वापसी
यमुनानगर में टोल बैरियर से भी धरना खत्‍म।

यमुनानगर, जागरण संवाददाता। एक वर्ष 13 दिन बीत जाने के बाद किसान आंदोलन स्थगित हुआ। लंबे संघर्ष के बाद किसानों की जीत हुई। यह बात भाकियू के जिलाध्यक्ष संजु गुंदियाना ने कही। उन्होंने बताया कि 11 दिसंबर को किसान दिल्ली व सभी टोल प्लाजा पर जारी धरने स्थगित कर देंगे। ढोल नगाड़ों के साथ किसान अपने घर वापस जाएंगे। किसानों के लंबे संघर्ष के बाद किसानों ने कृषि कानूनों को वापस लिया है। सयुंक्त किसान मोर्चा ने बताया कि किसानों की सभी मांगों को केंद्र सरकार ने मान लिया है। किसानों पर बने मुकदमे रद करने, एमएसपी की मांग पूरी करने, बिजली बिल पराली कानून सहित किसानों को मुआवजा संबंधित सभी मांगों को मान लिया गया है।

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उनका कहना है कि यदि सरकार भविष्य में कोई गड़बड़ करती है तो उसके लिए दोबारा फिर आंदोलन किया जाएगा। 15 जनवरी को दोबारा से संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक होगी। बता दें कि यमुनानगर में टोल बेरियर पर किसानों का धरना जारी था। यहां हर दिन किसान धरने पर बैठ रहे थे। लंगर की व्यवस्था भी धरना स्थल पर ही की हुई थी। मौके पर प्रदेश संगठन सचिव हरपाल सुढल व अन्य उपस्थित थे।

धरना स्थल से आज घर लौटेंगे किसान-मजदूर : सुभाष

भारतीय किसान यूनियन (टिकैत गुट) के जिलाध्यक्ष सुभाष गुर्जर ने कहा कि लंबे त्याग, तपस्या और संघर्ष के बाद सरकार ने कृषि कानूनों को वापस लिया है। पूरे देश के किसान-मजदूर की एकता की सामूहिक जीत है। हमें विश्वास था एक दिन किसानों का संघर्ष रंग लाएगा। किसान आखिर सच्चाई की लड़ाई लड़ रहा है। 26 नवंबर को जिस प्रकार देश का किसान हताश और परेशान होकर दिल्ली चला था, उस दिन से लेकर आज तक का दिन अनेकों प्रकार की बाधाओं का सामना किया। लेकिन हर बार अन्नदाता ने अपनी सच्चाई की लड़ाई को ईमानदारी से लड़ी। यही कारण रहा कि आखिर में सरकार को किसानों के मांग के सामने झुकना पड़ा। सुभाष गुर्जर ने कहा कि इस पवित्र संघर्ष के आंदोलन में जिला यमुनानगर के सभी इलाकों से हर जाति-धर्म तथा वर्ग व्यवसाय के लोगों ने आगे बढ़कर सहयोग किया है। 11 दिसंबर को किसान एवं समिति के लोग वापस आएंगे।


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