खेत में फसल नहीं, मेरी फसल, मेरा ब्योरा पोर्टल पर अपलोड, अधिकारी हैरान Panipat News
यमुनानगर में 40 एकड़ में किन्नू की फसल दिखा दी गई। जबकि जिले में एक एकड़ भी नहीं है। ब्योरा अपलोड करने में लापरवाही बरती जा रही।
पानीपत/यमुनानगर, [संजीव कांबोज]। खेतों में किन्नू की फसल भले न हो, लेकिन मेरी फसल मेरा ब्योरा के पोर्टल पर अपलोड है। एक दो नहीं बल्कि दो दर्जन से अधिक किसानों के रजिस्ट्रेशन व करीब 40 एकड़ में किन्नू की फसल दिखाई गई है। अब उद्यान विभाग के अधिकारी संकट में पड़ गए हैं। वे सोच रहे हैं कि वेरीफिकेशन के दौरान अधिकारी किन्नू की फसल कहां से दिखाएंगे। यमुनानगर जिले में तो एक एकड़ में भी फसल नहीं है। उद्यान विभाग की फसलों की बात की जाए तो इन दिनों प्याज व टमाटर की फसल है।
दक्षिण हरियाणा की फसल है किन्नू
उत्तरी हरियाणा में किन्नू की फसल की पैदावार नहीं होती। यह फसल दक्षिण हरियाणा के जिलों में भरपूर मात्रा में होती है। खासतौर पर कैथल, रेवाड़ी, नारनौल, महेंद्रगढ़, फतेहाबाद, सिरसा व आसपास के क्षेत्रों में यह फसल होती है। इन्हीं जिलों में इस फसल का ब्योरा अपलोड किया जाना चाहिए।
गेहूं का किन्नू का कॉलम साथ-साथ
दरअसल, फसलों का ब्योरा अपलोड करने में कर्मचारी लापरवाही बरत रहे हैं। फार्म में गेहूं व किन्नू का कॉलम साथ-साथ है। गेहूं की फसल को चिन्हित करने की बजाय किन्नू की फसल को चिन्हित किया जा रहा है। उद्यान विभाग के अधिकारी व कर्मचारी जब अपना लॉगिन खोलकर देखते हैं तो किन्नू की फसल का ब्योरा सामने आ जाता है। इस संबंध में जिला उद्यान अधिकारी हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड के अधिकारियों को अवगत करवा चुके हैं।
हटाने पर किसान का ब्योरा नहीं नहीं मिलेगा
गलत फसल दर्ज करने के कारण पोर्टल से किन्नू की फसल का ब्योरा हटाना पड़ रहा है। किन्नू के जिस भूखंड को गेहूं की जगह दिखाया गया है, वह भी हट जाएगा। इससे संबंधित किसान का ब्योरा ही पोर्टल हट जाएगा और वेरीफिकेशन भी नहीं हो पाएगा।
हमारे जिले में किन्नू की फसल नहीं है। बावजूद इसके मेरी फसल मेरा ब्यौरा के पोर्टल पर अपलोड की जा रही है। यह बड़ी खामी है। हमें पोर्टल से हटाना पड़ रहा है। इस संबंध में राज्य कृषि विपणन बोर्ड के अधिकारियों से बात की है। पोर्टल पर ब्यौरा अपलोड करने वालों को सतर्कता बरतनी चाहिए।
डॉ. रमेश सैनी, जिला उद्यान अधिकारी, यमुनानगर।
अभी यह बात मेरी जानकारी में नहीं आई है। इस बारे में पता करता हूं। यदि जिले में फसल नहीं है तो उसका ब्योरा नहीं देना चाहिए।
राजीव चौधरी, डिस्ट्रिक्ट मार्केटिंग इन्फोर्समेंट आफिसर जगाधरी।