कुणाल हत्याकांड : Panipat में एक ऐसा हत्याकांड, रिश्तों से उठा विश्वास, बिखरा परिवार
सट्टेबाजी की लत ने चाचा का चिराग बुझा दिया। स्वजन भी अचंभित हैं कि साहिल ने दोस्तों संग कुणाल की हत्या कर दी।
पानीपत, [विजय गाहल्याण]। इसे क्रूरतम साजिश ही कहा जाएगा। ऐसा हत्याकांड, जिसे सुन हर किसी के रोंगटे खड़े हो गए। आरोपितों ने दो दिन पहले ही साजिश रच डाली थी कि पहले कुणाल की हत्या करेंगे और फिर पांच लाख रुपये फिरौती भी वसूलेंगे। इससे पहले ही कुणाल के मोबाइल ने पुलिस को उन तक पहुंचा दिया। अब स्वजन भी अचंभित हैं कि जिस ताऊ के बेटे साहिल की बात कुणाल कभी टालता नहीं था, उसी ने जान ले ली। खुद पुलिस कप्तान भी वारदात के तरीके से हैरान हैं।
ऐसे दिया चकमा
कुणाल की हत्या के बाद साहिल उसी की साइकिल से घर लौट आया, ताकि किसी को शक न हो। इसके बाद पल-पल की जानकारी रमन और कशिश को देता रहा। रमन कॉल कर कुणाल के पिता योगेश से फिरौती मांगता रहा। वारदात को इतने शातिराना अंदाज में अंजाम दिया कि सीआइए-टू को नौ घंटे तक माथापच्ची करनी पड़ी। 14 लोगों से पूछताछ की। कुणाल के मोबाइल की कॉल डिटेल ने ही पुलिस को हत्यारोपितों तक पहुंचा दिया। साहिल के पिता शुभम फोटो स्टूडियो के मालिक योगेश विलाप करते हुए कह रहे थे कि रमन सट्टे में दो मोबाइल फोन जीत गया था। इसके बाद रमन ने साहिल के साथ मिलकर पांच लड़कों के साथ सट्टा खेला। दोनों पांच रुपये हार गए।
छह साल पहले साहिल ने चुरा लिये थे लाखों रुपये
विलाप करते हुए योगेश ने बताया कि बेटा बिना उसकी जानकारी के साहिल को रुपये देता था। छह साल पहले वह बड़े भाई संजय के साथ रहता था। तब साहिल ने उसके लाखों रुपये चोरी कर लिये थे। इसी वजह से वे अलग रहने लगे। भतीजे की सट्टे की लत ने उसके घर चिराग बुझा दिया। वह आरोपितों को फांसी की सजा दिलाकर रहेगा।
पहले रोष जताया, साहिल का नाम आने पर शांत हो गए
सामान्य अस्पताल में पुलिस एंबुलेंस कुणाल के शव को लेकर पहुंची। लोगों ने एंबुलेंस घेर ली। शव को शवगृह में रखने नहीं दिया। शव नीचे उतार लिया। अड़ गए कि जब तक हत्या के आरोपित गिरफ्तार नहीं हो जाते तब तक पोस्टमार्टम नहीं कराएंगे। दो घंटे तक हंगामा रहा। डीएसपी सिटी बिजेंद्र ङ्क्षसह मौके पर पहुंचे और स्वजनों को समझाया कि कुणाल की हत्या में साहिल उर्फ गोल्ली भी शामिल है। इसके बाद स्वजन शांत हो गए। शव का पोस्टमार्टम हुआ। डॉक्टर ने बताया कि कुणाल की मौत दम घुटने की वजह से हुई है। होठ पर भी चोट के निशान हैं।
बेहोश हो गई कुणाल की मां व बहनें
अस्पताल में बेटे कुणाल के शव से लिपट कर मां मोनिका, छोटी बहन साक्षी और ईशा रोने लगीं। मोनिका कह रही थीं कि 13 जनवरी को लवी का जन्मदिन मनाने की तैयारी की जा रही थी। सभी खुश थे। साहिल और रमन को बेटा लवी भाई कहता था। फिर क्यों मारा? रुपये की भूख थी तो उनसे कह देते। जेवर बेचकर दे देतीं। वह और उनकी दोनों बेटियां बार-बार बेहोश हो रही थीं।
हत्यारोपित के पिता ने गृहमंत्री को की कॉल
कुणाल के ताऊ संजय ने बताया कि मंगलवार रात कुणाल लापता हुआ था। योगेश ने आठ कॉल की, लेकिन कुणाल का मोबाइल फोन बंद था। उसने योगेश व अन्य स्वजनों के साथ मिल कुणाल को बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन सहित कई जगहों पर ढूंढ़ा। सुराग नहीं मिला। वे 9:30 बजे तहसील कैंप चौकी पहुंचे और प्रभारी से गुहार लगाई कि कुणाल का मोबाइल फोन बंद है। ट्रेङ्क्षसग पर लगवा दें। प्रभारी ने उन्हें धमकाया कि वर्दी पहनकर उसकी सीट पर बैठ जाओ। ज्यादा शोर मत मचाओ। गुमशुदगी का मामला दर्ज कर दिया जाएगा। सुनवाई न होने पर रात को ही पौने दो बजे उसने गृहमंत्री अनिल विज और एसपी सुमित कुमार को कॉल की। इसके बाद सीआइए-टू पुलिस सक्रिय हुई।
आरोपित का पिता कभी चलाता था टैक्सी, अब आलीशान कोठी का मालिक
कुणाल के चाचा हरीश ने बताया कि आरोपित रमन गोयल के पिता प्रवीण गोयल 10 साल पहले तक उसकी टैक्सी चलाते थे। योगेश और प्रवीण दोनों दोस्त थे और प्रवीण को रुपये उधार देता था। अब पता नहीं कहां से धन आ गया? तीन मंजिल कोठी बना ली।
पुलिस से भी गहरे संबंध
हरीश ने बताया कि रमन आपराधिक प्रवृत्ति का लड़का है। अक्सर मारपीट करता रहता था और कहता था कि पुलिस तो उनके घर की है। कुछ नहीं बिगाड़ पाएगी।
- कब क्या हुआ
- 8:30 बजे साहिल ने कुणाल को घर से 500 मीटर दूर दोस्त रमन के घर उधार के रुपये लेने को बुलाया।
- 8:40 बजे कुणाल रमन के घर गया। मोबाइल फोन बंद हो गया।
- 9:00 बजे कुणाल के मुंह पर कंबल ढका और गला घोंट दिया।
- 9:30 बजे स्वजनों ने तहसील चौकी में शिकायत दी।
- 12:02, 12:06 और 1:30 बजे रमन ने कॉल कर योगेश से पांच लाख रुपये की फिरौती मांगी।
- 8:00 बजे सुबह सीआइए-टू ने साहिल, रमन और कशिश को हिरासत में लिया।
- 2:30 बजे योगेश ने बेटे के शव की शिनाख्त की।
- 2:58 बजे शव सामान्य अस्पताल पहुंचा डीएसपी सिटी बिजेंद्र भी पहुंचे।
- 3:58 बजे शहरी विधायक प्रमोद विज, पार्षद लोकेश नांगरू व शहर के मौजिज लोग अस्पताल पहुंचे।
- 4:45 बजे शव का पोस्टमार्टम करा अंतिम संस्कार कर दिया गया।
पहली रिकार्डिंग रात 12:02 बजे, 38 सेकेंड की कॉल
रमन : हेलो
योगेश : हां जी कौन? ये मोबाइल नंबर आपके पास कहां से आया?
रमन : पांच लाख का इतंजाम कर ले, एक घंटा है आपके पास। बेटा सही सलामत चाहिए क्या?
योगेश : बाबूजी बोल कौन रहे हो?
रमन : मैं आपके पास कॉल कर दूंगा।
दूसरी रिकॉर्डिंग रात 1:30 बजे, 3 मिनट 5 सेकेंड
योगेश : हेलो
रमन : हो गया पेमेंट का इंतजाम। आपके पास 15 मिनट और है। बाद फोन बंद हो जाएगा।
योगेश : पेमेंट लेकर कहां आना है?
रमन : आपके पीछे मेरा बंदा लगा है। पुलिस में कंप्लेंट कर दी है।
योगेश : मैं तो घर बैठा हूं। पुलिस में कहां जाऊंगा?
रमन : फिर झूठ बोल रहा है। बेटे का हाथ काटकर भिजवा दूं। मेेरे पास सारी रिपोर्ट है चौकी में गया है।
योगेश : चौकी में नहीं गया।
रमन : पांच लाख रुपये लेकर चुपचाप घर से अकेला निकल आ।
योगेश : साथ में भाई जाएगा।
रमन : सुबह पांच बजे लड़का मिल जाएगा।
योगेश : पेमेंट का इतंजाम कर लूंगा, लड़के से बात करा दे।
रमन : लड़का अभी नहीं है। लड़का सही सलामत है।
योगेश : लड़के से बात करा दे। ऐसे पैसे नहीं दूंगा।
रमन : छोड़ मेरे पास लड़का नहीं है।
योगेश : मेरे लड़के से बात करा दो। आपके पास है। पेमेंट ले लेना।
रमन : फोन बंद कर रहा हूं। दोबारा बेटे का मुंह नहीं देख पाएगा।
योगेश : ये तो किस्मत की बात है। भगवान देख रहा है।
रमन : ये हो गया फोन बंद। 15 मिनट में पेमेंट का इंतजाम कर घर से निकल।
योगेश : मैं अनाड़ी हूं। अकेला घर से नहीं निकलूंगा।
रमन : ये लो हो गया फोन बंद। फोन बंद कर दिया गया।