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कैथल की राजनीति में उबाल, कलायत नपा चेयरपर्सन ने गंवाई गुर्सी, कमलेश ढांडा का बताया षड्यंत्र

कैथल की राजनीति में उबाल आ गया है। कलायत नगर पालिका चेयरपर्सन रजनी राणा ने कुर्सी गंवा दी है। 13 में से नौ पार्षदों ने अविश्वास लाकर उनके खिलाफ वोटिंग की। सबसे बड़ा चेहरा वाइस चेयरपर्सन पूजा धीमान का रहा। राणा के पति ने इसे कमलेश ढांडा का षड्यंत्र बताया।

By Umesh KdhyaniEdited By: Published: Mon, 12 Apr 2021 08:47 PM (IST)Updated: Mon, 12 Apr 2021 08:47 PM (IST)
कलायत नगर पालिका में वाइस चेयपर्सन पूजा धीमान के साथ अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले पार्षद।

कैथल/कलायत, जेएनएन। नगर पालिका कलायत की चेयरपर्सन रजनी राणा ने लंबी जद्दोजहद के बाद आखिर अपने पार्षदों का भरोसा गंवा दिया। कुल 13 में से नौ पार्षदों ने अविश्वास लाकर बैठक में उनके खिलाफ वोटिंग की और वह खुद समेत महज चार पार्षदों का समर्थन ही जुटा पाईं। वाइस चेयरपर्सन पूजा धीमान भी उनकी खिलाफत करने वालों में सबसे बड़ा चेहरा बनकर सामने आईं। इसके बाद चेयरपर्सन के पति ने राज्यमंत्री कमलेश ढांडा के सिर ठीकरा फोड़ा। इसे कमलेश ढांडा का रचा षड्यंत्र बताया।

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सोमवार को नगर पालिका कार्यालय में अविश्वास प्रस्ताव को लेकर बैठक बुलाई गई थी। इसमें एसडीएम विरेंद्र सिंह की देखरेख में दो घंटे तक पूरी कार्यवाही चली। दो तरीके से अविश्वास प्रस्ताव की प्रक्रिया को अंजाम दिया गया। पहले पार्षदों के हाथ खड़े करवाकर ध्वनि मत से अविश्वास प्रस्ताव लाने की कवायद की गई और उसके बाद ईवीएम से भी वोटिंग हुई। चेयरपर्सन रजनी राणा के पक्ष में चार ही वोट पड़े। करीब 70 फीसद पार्षदों के विरोध के चलते उन्हें कुर्सी गंवानी पड़ी।

कमलेश ढांडा के सिर फोड़ा हार का ठीकरा

अविश्वास प्रस्ताव पास होने के बाद चेयरपर्सन के पति सलिंद्र राणा ने अपनी हार का ठीकरा महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री कमलेश ढांडा के सिर फोड़ा। उन्होंने आरोप लगाया कि यह राज्यमंत्री का रचा षड्यंत्र था, क्योंकि रजनी राणा को उन्होंने चेयरपर्सन नहीं बनाया था। भाजपा से हाेते हुए भी राज्यमंत्री ने रजनी राणा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने में दिलचस्पी दिखाई। 

200 मीटर परिधि में लगाई धारा 144

बैठक के दौरान कलायत डीएसपी सुनील कुमार सुरक्षा प्रबंधों की कमान संभाल रहे। सुरक्षा की दृष्टि से नगर पालिका की 200 मीटर परिधि में धारा 144 लगाई थी। इसके मद्देनजर थाना प्रभारी जयवीर सिंह सहित बड़ी संख्या में पुलिस कर्मी नगर पालिका परिसर और इसके आसपास मुस्तैद रहे। 

रजनी ने की ईवीएम से वोटिंग की मांग

पहले विपक्ष के नौ पार्षदों ने हाथ खड़े कर रजनी राणा के खिलाफ अविश्वास जताया। इस पर रजनी राणा ने वार्ड दो पार्षद विक्रम राणा, वार्ड पांच की पार्षद सुनीता धीमान और वार्ड सात पार्षद नीरज राणा के साथ वोटिंग की प्रक्रिया ईवीएम से करवाने का आग्रह किया। इसके बाद ईवीएम के जरिये वोटिंग कराई गई। इसमें भी वही परिणाम रहा। रजनी राणा को बस इन्हीं पार्षदों की वोट पड़ी।

अविश्वास प्रस्ताव के बाद कलायत में विचार-विमर्श करते चेयरपर्सन रजनी राणा समर्थक पार्षद।

यह नौ पार्षद हुए खिलाफ

वाइस चेयरपर्सन पूजा धीमान ने कहा कि नगर विकास कार्यो में भेदभाव को लेकर नौ पार्षदों ने अविश्वास की मंजूरी के लिए 19 मार्च को डीसी सुजान सिंह को पत्र सौंपा था। इसके मद्देनजर अविश्वास प्रस्ताव की बैठक का आयोजन हुआ। इसमें वार्ड एक से पार्षद कर्णदीप सिंह, तीन से सुरेश कुमार, चार से राजीव राणा, आठ से सतीश धीमान, नौ से शशी बाला कौशिक, 10 से मीनाक्षी जेष्ठ, 11 से पूजा धीमान, 12 से निशु अग्रवाल और वार्ड 13 से सुमन बंसल ने अविश्वास के पक्ष में अपनी सहमति जताई। 

रजनी ने पूजा को पहनाई थी पगड़ी

खास बात यह रही कि नौ सितंबर 2020 को कलायत नगर पालिका चेयरपर्सन रजनी राणा सहित नौ पार्षदों ने पूजा धीमान को निर्विरोध वाइस चेयरपर्सन चुनने जाने पर अपनी सहमति की मोहर लगाई थी। राजनीति में बदलते समीकरणों के बीच वाइस चेयरपर्सन पूजा धीमान नपा चेयरपर्सन रजनी राणा के खिलाफ अविश्वास लाने वाले पार्षदों में शामिल हो गई।

कलायत विधायक को रास नहीं आ रहा था विकास: राणा

रजनी राणा और उनके पति सलिंद्र प्रताप राणा ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपने प्रथम कार्यकाल में उन्हें चेयरपर्सन की जिम्मेदारी सौंपी थी। तभी से अभूतपूर्व विकास कार्यों का सिलसिला जारी है। विकास के आधार पर ही विधानसभा चुनाव में कलायत से कमलेश ढांडा को विजय मिली। भाजपा संगठन को मजबूती देने की बजाय कलायत की विधायक कमलेश ढांडा ने अविश्वास प्रस्ताव लाने में ज्यादा रुचि दिखाई। कहीं न कहीं उन्हें विकास कार्य रास नहीं आ रहे थे। 

कमलेश ढांडा बोलीं- मुझे जोड़ना गलत

महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री और विधायक कलायत कमलेश ढांडा ने कहा कि नगर पालिका कलायत में प्रधान के प्रति अविश्वास प्रस्ताव पारित हुआ है। चुने हुए पार्षद ही अविश्वास प्रस्ताव लाते हैं और उसे पास करवाते हैं। इससे मुझे जोड़ना गलत है। मेरे लिए सभी पार्षद बराबर हैं और मेरा लक्ष्य सदैव कलायत में विकास कार्यों को गति देने का रहा है।

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